Book Review: राष्ट्रपति भवन की भव्य गाथा दर्शाती एक अनुपम पुस्तक Rashtrapati Bhavan Heritage Meets the Present
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक
राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) देश का ऐसा भवन है जिसकी भव्यता के चर्चे बरसों से चल रहे हैं। इसलिए राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) को देखने और जानने की जिज्ञासा लाखों-करोड़ों व्यक्तियों को रहती है। इधर अब भारत सरकार के प्रकाशन विभाग ने एक ऐसी अँग्रेजी पुस्तक -‘राष्ट्रपति भवन- हेरिटेज मीट्स द प्रेजेंट’ (‘Rashtrapati Bhavan: Heritage Meets the Present’) प्रकाशित की हैं, जो राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के बारे में बहुत कुछ बताती है।
यह बड़े आकार की अनेक भव्य चित्रों से सजी ऐसी आकर्षक पुस्तक है, जिसे ‘कॉफी टेबल बुक’ भी कहा जाता है। जिसमें राष्ट्रपति भवन के साथ अभी तक के सभी 15 राष्ट्रपतियों की भी जानकारी मिलती है। कुल 150 से अधिक पृष्ठों की इस पुस्तक में कुल चार मुख्य अध्याय हैं। पुस्तक का संपादन बहुत ही अच्छे ढंग और खूबसूरती से नविका गुप्ता और आशीष उपेंद्र मेहता ने किया है।
पहले अध्याय में राष्ट्रपति भवन का संक्षिप्त इतिहास है
पहले अध्याय में राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) का संक्षिप्त इतिहास है। जिसमें बताया है कि अंग्रेजों द्वारा निर्मित वायसराय भवन में स्वतन्त्रता पूर्व महात्मा गांधी भी आते रहे। स्वतन्त्रता के बाद देश के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालचारी यहाँ रहे। बाद में जब डॉ राजेन्द्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बने तो यह उनका आवास और कार्यालय बना। तब ‘वायसराय हाउस’ का नाम बदलकर ‘राष्ट्रपति भवन’ कर दिया गया। हालांकि इस अध्याय और पुस्तक में एक अहम जानकारी का अभाव है कि ‘वायसराय हाउस’ का निर्माण किस तिथि को पूर्ण हुआ या वायसराय ने किस तिथि से इसे अपना निवास बनाया।
दूसरे अध्याय में राष्ट्रपति भवन की शानदार इमारत के रूप में व्याख्या है
जबकि दूसरे में अध्याय में राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) की एक शानदार इमारत के रूप में व्याख्या की गयी है। यह अध्याय पुस्तक का सबसे दिलचस्प और आकर्षक अध्याय है। जिसमें भव्य चित्रों के साथ दिखाया है कि 330 एकड़ में फैले इस राष्ट्रपति भवन के कुल 340 कमरों में से कौन से कक्ष बेहद अहम हैं।
इनमें अशोक हॉल (नया नाम अशोक मंडप) और दरबार हॉल (नया नाम गणतन्त्र मंडप) जैसे उन प्रमुख और प्रसिद्द कक्षों की तो जानकारी है ही जहां पदम पुरस्कार और कुछ अन्य पुरस्कार समारोह के साथ शपथ समारोह भी होते रहे हैं। साथ ही राष्ट्रपति भवन के सुसज्जित सभा कक्ष, भोजन कक्ष सहित राष्ट्राध्यक्षों-विदेशी मेहमानों के रहने के कक्ष की जानकारी भी इतने सुंदर चित्रों के साथ वर्णित है कि वहाँ तुरंत जाने के लिए के लिए मन मचल उठेगा।
इन सभी छोटे बड़े कक्षों के नाम भी आकर्षित हैं। जो देश की विभिन्न नदियों के नाम पर हैं जैसे-सरयू, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, साबरमती, कावेरी, यमुना, महानदी गोदावरी, सरस्वती। साथ ही राष्ट्रपति भवन के सबसे बड़े कक्ष द्वारका और फिर नालंदा के बारे में भी जानकारी है, जहां बड़े राष्ट्राध्यक्ष व विदेशी मेहमानों को ठहराने की विशेष व्यवस्था है।
इसी अध्याय में जहां अमृत उद्यान, संगीत उद्यान, आध्यात्मिक उद्यान आदि के माध्यम से राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) की चमचमाती हरियाली और विभिन्न प्रकार के फूल,पौधे और वृक्षों को दर्शाया गया है। वहाँ राष्ट्रपति के मुख्य द्वार तथा जयपुर स्तम्भ आदि की भी जानकारी है।
इनके साथ राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के संग्रहलाय और सांस्कृतिक केंद्र के आकर्षण भी पुस्तक में उपलब्ध हैं। फिर राष्ट्रपति के शिमला और हैदराबाद निवास की झांकी भी इस पुस्तक को और समृद्द बनाती है।
तीसरे अध्याय में सभी 14 पूर्व राष्ट्रपतियों के चित्रों सहित संक्षिप्त परिचय हैं
जबकि तीसरे अध्याय में अभी तक के सभी 14 पूर्व राष्ट्रपतियों के चित्रों सहित संक्षिप्त परिचय हैं।
चौथा अध्याय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पर केन्द्रित है
इस सबके बाद अंत में चौथा अध्याय वर्तमान राष्ट्रपति महोदया डॉ द्रौपदी मुर्मु पर केन्द्रित है। जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के जीवन परिचय के साथ उनकी देश विदेश की विभिन यात्राओं को बताया गया है। साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी मुलाकातों के कुछ चित्र भी हैं। जबकि वे कुछ अनूठे चित्र भी जिसमें कहीं राष्ट्रपति चरखा कात रही हैं तो कहीं सुखोई की उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।
इस बहू उपयोगी और ज्ञानवर्धक पुस्तक में कुछ ऐसे क्यू आर कोड भी हैं जहां मोबाइल से स्कैन करके राष्ट्रपति के कुछ वीडियो और इंटरव्यू को भी देखा जा सकेगा।