थाईलैंड में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनीं पैतोंगतार्न शिनावात्रा, पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पैतोंगतार्न शिनावात्रा को थाईलैंड की प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर बधाई दी। पीएम मोदी ने भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों के और सुदृढ़ बनने की आशा व्यक्त की, जो सभ्यतागत, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच परस्पर जुड़ाव की मजबूत नींव पर आधारित है।

नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा:

“थाईलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में आपके चुने जाने पर बधाई @ingshin (पैतोंगतार्न शिनावात्रा)। एक अत्यन्त सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ। भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए तत्पर हूँ, जो सभ्यतागत, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच परस्पर जुड़ाव की मजबूत नींव पर आधारित है।”

सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनीं

उल्लेखनीय है कि पैतोंगटार्न शिनावात्रा को फेउ थाई पार्टी मुख्यालय में थाईलैंड के 31वें प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने का शाही आदेश मिला है। 37 वर्षीय पैतोंगटार्न इतिहास में सबसे कम उम्र की थाई प्रधानमंत्री हैं और अपनी आंटी यिंगलक शिनावात्रा के बाद दूसरी महिला प्रधानमंत्री हैं।

पैटोंगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड फू थाई पार्टी की नेता हैं, इसके साथ ही वह अब तक की सबसे युवा प्रधानमंत्री भी हैं। नैतिकता के उल्लंघन मामले में कोर्ट के निर्णय के बाद पूर्व प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को हाल ही में हटा दिया गया था।

पेटोंगटार्न के समर्थन में 314 सांसद हैं

सांसदों के वोट थाई राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और स्थान को और मजबूत करता है। नवनिर्वाचित पीएम के पिता थाकसिन शिनावात्रा और उनकी चाची यिंगलक शिनावात्रा भी इस महत्वपूर्ण पद पर रह चुकी हैं। पेटोंगटार्न फू थाई पार्टी की प्रभावशाली नेता हैं। वह 11 पार्टियों के गठनबंधन का नेतृत्व कर रही हैं। उनके समर्थन में 314 सांसद हैं। पीएम के लिए चुने जाने पर सभी नेताओं ने उन्हें बधाई भी दी।

पिता भी रह चुके हैं प्रधानमंत्री

थाइलैंड की नई चयनित पीएम पेटोंगटार्न का राजनीति बैकग्राउंड भी काफी प्रभावशाली रहा है। वह पूर्व पीएम थाकसिन शिनावात्रा की बेटी हैं। कुछ विवादों के साथ उनका राजनीतिक करियर भी शानदार रहा है। वह देश की लोकप्रिय नेताओं में भी शामिल हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पैटोंगटार्न के पीएम बनने से गठबंधन की एकता को मजबूती मिल सकती है। इसके साथ जो भी गुटबाजी दलों के बीच चल रही है, वह भी कम होने की संभावना रहेगी।

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