Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ‘नशा मुक्त भारत’, पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के साथ प्रोजेक्ट PARI का भी किया जिक्र

पीएम मोदी (PM Modi) ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नशा मुक्त भारत की दिशा में सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए ‘मानस’ हेल्पलाइन पर इससे जुड़ी कोई भी जानकारी साझा करने की अपील की। ‘मन की बात’ के 112वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने कहा कि देश को नशा मुक्त बनाने के लिए उनकी सरकार ने एक विशेष केंद्र ‘मानस’ (MANAS) खोला है। सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 1933 जारी किया है, जिसमें नशा मुक्ति से जुड़े हुए परामर्श हासिल किए जा सकते हैं। इसके अलावा इस नंबर पर नशे से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी साझा की जा सकती है। यह जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।

प्रधानमंत्री अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों को देश-समाज में हो रहे सकारात्मक पहलुओं से अवगत कराते हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने बाघ संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे गांव हैं जहां पर इंसान और बाघ के बीच में कभी टकराव की स्थिति नहीं आती। लेकिन जहां ऐसी स्थिति आती है वहां भी बाघों के संरक्षण के लिए अभूतपूर्व प्रयास हो रहे हैं।

ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए की अपील

प्रधानमंत्री ने पेरिस ओलंपिक की बात की और लोगों से भारतीय खिलाड़ियों का सोशल मीडिया के माध्यम से उत्साह बढ़ाने की अपील की। उन्हाेंने अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड का भी उल्लेख किया, जिसमें भारतीय छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि पुणे के रहने वाले आदित्य वेंकट गणेश, सिद्धार्थ चोपरा, दिल्ली के अर्जुन गुप्ता, ग्रेटर नोएडा के कनव तलवार, मुंबई के रुशील माथुर और गुवाहाटी के आनंदो भादुरी ने देश को यह उपलब्धि दिलाई है।

यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट सूची में असम के चराईदेउ मैदाम को शामिल करने का किया उल्लेख

प्रधानमंत्री ने यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में असम के चराईदेउ मैदाम को शामिल किए जाने का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि अहोम राजवंश के लोग अपने पूर्वजों के शव को उनकी कीमती चीजों के साथ अहोम मैदान में रखते थे। पूर्वजों को सम्मान प्रकट करने का यह यूनिक तरीका है। उन्होंने लसित बोरफुकन की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने हरियाणा के एक स्वयं सहायता समूह का उल्लेख किया, जिसने जिले की ढाई सौ से ज्यादा महिलाओं के जीवन को समृद्ध बनाने का काम किया है। उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप की सहायता से इन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगा की ट्रेनिंग हासिल की है।

पीएम मोदी ने की स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील

प्रधानमंत्री ने कहा कि 7 अगस्त को राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस मनाया जाता है। हम सभी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें। यह छोटा सा प्रयास अनेक लोगों की जिंदगी बदल सकता है। उन्होंने खादी की खरीदारी में हो रही रिकॉर्ड वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का महीना होता है और हम इस महीने खादी खरीदें।

इंदौर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाने का किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने इंदौर में ‘एक पेड़ मां’ के नाम कार्यक्रम के दौरान 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जाने के रिकॉर्ड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी होती है कि बड़ी संख्या में लोग इसमें भाग ले रहे हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों से हर घर तिरंगा अभियान में हो रही जन भागीदारी को विशेष बताते हुए इस बार भी लोगों से इसमें भाग लेने और सेल्फी बिथ तिरंगा सोशल मीडिया पर साझा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि तिरंगे को लेकर यह उल्लास यह उमंग एक दूसरे से हमें जोड़ती है।

पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट PARI का भी किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में एक खास प्रोजेक्ट ‘परी’ का जिक्र किया है, जिसे पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट परी पब्लिक आर्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का बड़ा माध्यम बन रहा है।

पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट को समझाते हुए कहा “प्रोजेक्ट परी (PARI) अब आप परी सुनकर कन्फ़्यूस मत होईएगा.. ये परी स्वर्गीय कल्पना से नहीं जुड़ी बल्कि धरती को स्वर्ग बना रही है। PARI यानि Public Art of India पब्लिक आर्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का बड़ा माध्यम बन रहा है। आप देखते होंगे.. सड़कों के किनारे, दीवारों पर, अंडरपास में बहुत ही सुंदर पेंटिंग बनी हुई दिखती हैं। ये पेंटिंग और ये कलाकृतियाँ यही कलाकार बनाते हैं  जो प्रोजेक्ट PARI से जुड़े हैं।”

नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा “इससे जहां हमारे सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता बढ़ती है, वहीं हमारे संस्कृति को और ज्यादा मशहूर बनाने में भी मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली के भारत मंडपम को ही लीजिए। यहां देश भर के अद्भुत आर्ट वर्क्स आपको देखने को मिल जाएंगे। दिल्ली में कुछ अंडरपास और फ़्लाइओवर पर भी आप ऐसे खूबसूरत पब्लिक आर्ट देख सकते हैं। मैं कला और संस्कृति प्रेमियों से आग्रह करूंगा कि वे भी पब्लिक आर्ट पर और काम करें। ये हमें अपनी जड़ों पर गर्व करने की सुखद अनुभूति देगा।”

यह भी पढ़ें- Amarnath Yatra 2024: इस साल 4 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों कर चुके हैं बाबा बर्फानी के दर्शन, सावन के महीने में टूट सकते हैं भक्तों के पिछले रिकार्ड

 

Related Articles

Back to top button