Lok Sabha Elections 2024: देखिए दस बरसों में कितनी बदल गई देश की तस्वीर, फिर भी विपक्ष का महाझूठ कि कोई काम नहीं हुआ

  • प्रदीप सरदाना

     वरिष्ठ पत्रकार

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की 17 वीं लोकसभा का चुनाव अब बस अपने अंतिम चरण में है। जब लोकसभा के इन चुनावों की प्रक्रिया आरंभ हुई थी, तब मैं सोचता था कि देश में पिछले दस बरसों में जिस तरह भारी भरकम विकास हुआ है। उससे देश ही नहीं दुनिया भी अभिभूत है।

कांग्रेस के करीब 60 बरसों के शासन में जितने काम हुए, उससे कहीं ज्यादा सिर्फ इन पिछले दस बरसों में हो गए। ऐसे में विपक्ष उसका सामना कैसे करेगा? क्योंकि विकास भी इतने व्यापक स्तर पर हुआ है कि उसे किसी से छिपाया नहीं जा सकता। इसलिए विपक्ष मतदाताओं को लुभाने और भाजपा की काट के लिए कोई नए बहाने ढूंढेगा। लेकिन इन चुनावों में प्रचार के दौरान जब विपक्ष ने यह राग आलापना शुरू किया कि पिछले दस बरसों में देश में कोई काम नहीं हुआ, कोई विकास नहीं हुआ, मोदी जी विकास की बात क्यों नहीं करते….. ।

तब यह देख-सुन हैरानी हुई कि विकास के सैंकड़ों बड़े कार्यों को विपक्ष कैसे झुठला सकता है? आप अपनी उपलब्धियों, अपने इतिहास और अपनी योजनाओं को जरूर बताइये। लेकिन वोट के चक्कर में देश की उपलब्धियों, देश के विकास को धूमिल मत कीजिये। क्योंकि जो विकास, जो बड़े कार्य कदम कदम पर साफ दिख रहे हैं, उससे आँखें कैसे फेरी जा सकती हैं ? विपक्ष विकास को लेकर इतना सफ़ेद झूठ बोलेगा तो मतदाता उसके महाझूठ को क्या सच मान लेंगे !

कबूतर और बिल्ली की कहावत

विपक्ष की की इस बात पर, मुझे कबूतर और बिल्ली की एक पुरानी बात याद हो आयी। जब कबूतर ने बिल्ली को देखा तो उसने अपनी जान बचाने के प्रयासों की जगह अपनी ही आँखें मूँद ली। यह सोचकर कि अब जब मैं बिल्ली को नहीं देख पा रहा तो बिल्ली भी मुझे नहीं देख रही होगी। कबूतर यह भूल गया कि आँखें उसने बंद की हैं, बिल्ली ने नहीं।

यहाँ विपक्ष भी देश के अभूतपूर्व विकास और बेमिसाल उपलब्धियों से अपनी आँखें फेर,समझ रहा है कि उसने अपनी आँखों पर काली पट्टी बांध ली है तो जनता को भी यह सब नहीं दिखेगा। जबकि देश के बच्चे-बच्चे और दुनिया भर को यह चहुंमुखी विकास दिख रहा है।

वैश्विक स्तर पर शिखर पर पहुंचा भारत, राम मंदिर और धारा 370 जैसे बड़े वादे हुए पूरे

सन 2014 से 2024 के दस बरसों में भारत कई मायनों में वैश्विक स्तर पर शिखर पर पहुंचा। देश में भी विकास की जो भव्य गाथा लिखी है,उसकी पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। पिछले दस बरसों में तीन महाकार्य तो ऐसे हुए हैं, जिनको लेकर कोई सपने तक में नहीं सोच सकता था। जैसे कश्मीर से धारा 370 हटना, अयोध्या में राम मंदिर बनना और तीन तलाक पर कानून।

देश स्वतंत्र होने के समय से 370 के विशेषाधिकार के कारण कश्मीर भारत में होते हुए भी अन्य राज्यों की तरह पूरी तरह भारत का हिस्सा बनने से रह गया था। इससे धरती का स्वर्ग धीरे-धीरे आतंकवादियों का प्रमुख केंद्र बन गया था। पूर्ववत सरकारों ने किसी ने भी वहाँ से धारा 370 हटाने का साहस नहीं किया। लेकिन भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 370 हटाने का संकल्प लिया हुआ था। ऐसे ही अयोध्या में मंदिर बनने का मामला तो 500 बरस से अधर में था। कांग्रेस सरकार मुस्लिम वोट बैंक के लालच में इस मुद्दे को लगातार बरसों लटकाती रही। यहाँ तक कांग्रेस ने भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिये थे।

असंख्य लोगों ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) की अभिलाषा में अपने प्राण गंवा गए। जबकि मोदी सरका (Modi Sarkar)र ने इसकी कानूनी जंग को गति दिलाने के साथ संवैधानिक रूप से यह लड़ाई जीती। वहाँ बहुत कम समय में भव्य मंदिर बनना किसी चमत्कार से कम नहीं। जबकि कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी सहित कई दलों ने मंदिर निर्माण का तो जमकर विरोध किया ही। यहाँ तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिलने पर भी पूरे विपक्ष ने इस समारोह का बहिष्कार करके अपनी राम विरोधी अंतरात्मा की असली तस्वीर सभी को दिखा दी।

हालांकि विपक्ष राम मंदिर को लेकर भाजपा पर सदा तंज़ कसता था-‘’मंदिर वहीं बनाएँगे लेकिन तारीख नहीं बताएँगे।‘’ लेकिन अब मंदिर बन गया है। इससे हमारी धार्मिक आस्थाएं प्रबल हुईं। भाजपा ने इस अकल्पनीय स्वप्न को भी सच करके,अयोध्या में मंदिर के साथ विकास की बड़ी लहर और लाखों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर दिये। कश्मीर और तीन तलाक को लेकर कुछ लोग कहते थे कि यदि ऐसा हुआ खून की नदियां बह जाएंगी। कश्मीर पूरी तरह भारत से अलग हो जाएगा। लेकिन पीएम मोदी की संकल्प शक्ति ने ये दोनों काम शांति से कराके, कश्मीर और मुस्लिम महिलाओं दोनों में एक नयी शक्ति, नयी ऊर्जा भर दी।

10 वर्षों में हुए कामों से करोड़ों की जिंदगी बदल गयी

विपक्ष यूं अच्छे से समझता है कि देश में हुए यह विकास का पहिया उसे बुरी तरह कुचल देगा। तभी विपक्ष ने विकास के रथ को छुपाने के लिए हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा आगे कर दिया। जिससे विकास नेपथ्य में चला जाये और हिन्दू-मुस्लिम करके एक नकारात्मक वातावरण बनाया जाये।

विपक्ष यह न करता तो सरकार के काम ज्यादा सुर्खियां बनते। जैसे 10 बरसों में उन सभी गांवों में जल और बिजली पहुँचना जहां आज़ादी के 70 बरस बाद भी इन प्राथमिक सुविधाओं से लोग वंचित थे। लाखों करोड़ों के जन धन खाते खुलने से जिस तरह करोड़ों की जिंदगी बदल गयी। फिर भारत तो अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों से भी तेजी से डिजिटल हो गया। इसके साथ एक बड़ी बात यह भी कि देश की जो लाखों महिलाएं रात बेरात खुले में शौच के लिए विवश थीं। उन्हें घर में ही शौचालय मिलने से उनको नारकीय जिंदगी से मुक्ति मिली।

ऐसे ही चूल्हे के धुएँ में खाना बनाने को बेबस महिलाओं को गैस का चूल्हा मिलना हो या किसानों को दुनिया भर से सस्ता यूरिया मिलने, फसल बीमा,किसानों के खाते में सीधे अनुदान राशि और ऐसी कई अन्य सुविधाओं की बात,जिससे असली किसानों के दिन बदल गए।

फिर विपक्ष सरकार की इस बड़ी उपलब्धि का तो ज़िक्र ही नहीं करना चाहता कि पहले हर सरकारी काम में बड़े बड़े घोटाले होते थे। लेकिन पिछले 10 बरसों में विकास के हजारों कम हुए। कुछ काम तो ऐसे थे जो नेहरू युग में शुरू हुए लेकिन उदद्घाटन के बाद वहीं अटक गए। लेकिन पीएम मोदी ने बरसों बाद ऐसे बड़े कार्यों को पूरा कर, एक नयी मिसाल पेश की। फिर बड़ी बात यह भी कि कहीं भी कोई घोटाला नहीं हुआ।

दूसरा केंद्र में कांग्रेस के राज की  बात हो या राज्यों में सपा, सीपीआई-सीपी एम के राज की। देश में आए दिन कितने ही दंगे होते थे तो कभी बम धमाकों की गूंज से देश दहल उठता था। कभी रेल में बम फटते थे तो कभी  बाज़ारों में। जबकि आज लगभग सर्वत्र शांति है। लेकिन विपक्ष इस असलियत को छिपाने में जुटा है। लेकिन देखा जाये तो मोदी सरकार की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। अन्यथा कितने ही घर-परिवार आए दिन उजड़ते थे। कभी मान अपने बच्चों के लिए बिलखती थीं तो कभी बच्चे अपने माता-पिता के लिए।

इंफ्रास्ट्रक्चर में हुआ जबर्दस्त विकास

इधर सवाल यह भी है कि आखिर विपक्ष जनता से देश के उस सबसे बड़े विकास को कैसे छिपाएगा ? जहां देश भर में नव निर्मित सड़कों और सेतुओं के जाल हर जगह साफ दिख रहे हैं। खूबसूरत और मजबूत सड़कों पर फराटे भरती गाड़ियाँ मीलों दूर से विकास की बड़ी तस्वीर दिखा देती हैं। दिल्ली में नयी संसद, भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे निर्माण देख आँखें चौंध जाती हैं। गुजरात में सरदार  पटेल की विशाल प्रतिमा पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। फिर रेल परिवहन में नित नयी वंदेभारत जैसी आधुनिक सुसज्जित रेल हमको विश्व के कई विकसित देशों के समक्ष खड़ा कर रही हैं। साथ ही देश के हवाई अड्डों का जिस तीव्रता से निर्माण हुआ है,उससे वायु परिवहन में भी नयी क्रान्ति आ गयी है।

चंद्रमा विजय, कोरोना से बचाव,आयुष्मान योजना और सस्ती दवाइयों तक 

अन्तरिक्ष,स्वास्थ्य,शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में भी भारत की प्रगति गाथा स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो रही है। भारत ने चंद्रमा पर विजय पताका फहराने के साथ अन्तरिक्ष मिशन को बड़ी उड़ान दे दी। पहले देश में सिर्फ दिल्ली में एक एम्स अस्पताल होता था। आज हर राज्य में एक एम्स हो रहा है। आयुष्मान योजना से 5 लाख तक का मुफ्त इलाज। फिर जन औषधि की बेहद सस्ती दवाइयों ने, रोगियों को महंगी दवाओं से बड़ी राहत दिलाकर तो इतिहास लिख दिया है।

गरीबों को मुफ्त राशन के साथ मजबूत अर्थव्यवस्था

कोरोना जैसे भयंकर काल में 140 करोड़ आबादी होने पर भी,वैक्सीन निर्माण से जहां करोड़ों की जान बची। वहाँ इस संकट काल में गरीबों को मुफ्त राशन मिला,कितने ही लोग गरीबी रेखा से उबरकर बाहर आए। मुश्किल हालात में भारत ने अपने देश वासियों को तो हर हाल में बचाया ही। विश्व कल्याण के लिए भी भारत अग्रणी रहा। पिछले दिनों जहां विकसित और बड़े देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी। वहाँ भारत ने विश्व की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर विश्व को दिखा दिया, यह नया भारत है। जो विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था भी बनेगा और विश्व गुरु भी। इन तथ्यों और पीएम मोदी (PM Modi) की इन उपलब्धियों को कोई लाख छिपाने की कोशिश करे। लेकिन सच तो सच ही रहेगा। सच की होगी जीत सदा और झूठ सदा ही हारेगा।

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