Holi 2025: भुलाए नहीं भूलती आरके स्टूडियो की होली, बड़े-छोटे सभी कलाकार दिल खोलकर करते थे मस्ती 

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

हमारी फिल्म इंडस्ट्री में जब भी होली की चर्चा होती है तो सबसे पहले आर के की होली की बात होती है। उस आरके स्टूडियो (RK Studio) की होली की जिसको फ़िल्मकार राज कपूर (Raj Kapoor) इतनी भव्यता से, इतने दिल से और इतनी शिद्दत से मनाते थे कि बरसों बाद भी उस होली को भुलाया नहीं जा सका है। हालांकि अब न राज कपूर (Raj Kapoor) हैं, न राज कपूर के स्टूडियो की भव्य होली और न ही वह आर के स्टूडियो (RK Studio), जहां की होली (RK Studio Holi) का इंतज़ार पूरी फिल्म इंडस्ट्री साल भर करती थी।

होली के खूबसूरत रंग इतनी जल्द बिखरकर बदरंग हो जाएँगे, यह भला किसने सोचा था ! लेकिन गनीमत यह है कि उस होली की यादें अभी भी खूबसूरत हैं। ऐसी यादें जो दिल-ओ-दिमाग में भीतर तक घर कर गयी हैं।

बिना बुलाये कलाकार का भी होता था स्वागत

असल में वह होली ऐसी थी कि होली के दिन राज कपूर (Raj Kapoor) अपने स्टूडियो में जिनको भी आमंत्रित करते थे, वे सब प्रतिष्ठित व्यक्तियों की श्रेणी में आ जाते थे। हालांकि उस दिन कोई कलाकार बिना बुलाये भी पहुँच जाता था तो उसका भी आरके स्टूडियो (RK Studio) में तहे दिल से स्वागत होता था।

हीरो-हीरोइन रंग भरे टब में डुबकी लगाकर खुद को धन्य समझते थे

बड़े से बड़े हीरो-हीरोइन आरके स्टूडियो (RK Studio) के रंग भरे टब में डुबकी लगाकर खुद को धन्य समझते थे। बड़े से बड़ी फिल्म हस्ती जब वहाँ मस्ती में नाचते गाते थे तो समां बंध जाता था। लेकिन अब ये सब यादें रह गयी हैं। अब तो वह आरके स्टूडियो (RK Studio) ही नहीं रहा जहां उस रंगीन और ऐतिहासिक हौज के सामने खड़े होकर धूमिल यादों को ही सँजोया जा सके। कुछ समय पहले ही कपूर परिवार ने आरके स्टूडियो को बेच दिया था। अब वहाँ के नए स्वामी ने आरके स्टूडियो (RK Studio) के उसी परिसर में नए भवन का निर्माण कर दिया है।

अंतिम होली समारोह 4 मार्च 1988 को हुआ

यूं देखा जाये तो आर के स्टूडियो की रंगभरी शानदार होली (RK Studio Holi) की बिदाई तभी हो गयी थी, जब राज कपूर (Raj Kapoor) ने 2 जून 1988 को इस दुनिया को अलविदा कहा। इसलिए 4 मार्च 1988 को आयोजित होली समारोह यहाँ का अंतिम होली समारोह था। राज कपूर (Raj Kapoor) के बाद उनके बेटे अपने इस स्टूडियो में गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) तो जैसे तैसे आयोजन करते रहे लेकिन होली (Holi) का अपना सालाना कार्यक्रम उन्होंने बंद कर दिया था।

होली मनाने की ऐसे हुई थी शुरुआत

जबकि आरके (RK Studio Holi) की यह होली सन 1950 के दशक की शुरुआत में तभी शुरू हो गयी थी जब राज कपूर (Raj Kapoor) ने इस स्टूडियो की स्थापना करके अपनी ‘आवारा’ (Awaara) फिल्म के सुपर हिट होने के बाद यहाँ होली का जश्न मनाया था। जल्द ही मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की यह सामूहिक होली इतनी लोकप्रिय हो गयी कि बहुत से कलाकारों ने अपने घरों में होली मनाना छोड़ दिया, सभी आरके की होली को अपने घर-परिवार की होली के रूप में देखते थे।

बड़े-छोटे सभी कलाकार दिल खोलकर करते थे मस्ती

करीब 35 बरसों के आरके स्टूडियो (RK Studio) के इस होली आयोजन में सभी धर्मों के बड़े से छोटे सभी कलाकार दिल खोलकर मस्ती करते रहे। नर्गिस,कामिनी कौशल, गीता बाली, निम्मी, वैजयंतीमाला, सिम्मी, बबीता, हेमामालिनी से लेकर जीनत अमान, डिम्पल कपाड़िया, नीतू सिंह, पद्मिनी कोल्हापुरे और मंदाकिनी तक कई मशहूर अभिनेत्रियाँ राज कपूर की होली के रंगों में नहा चुकी हैं। साथ ही शम्मी कपूर, शशि कपूर, राजेन्द्र कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अनिल धवन, प्रेम नाथ, राजेन्द्र नाथ, प्रेम चोपड़ा जैसे अभिनेता इस अविस्मरणीय होली के बड़े गवाह रहे हैं। उधर लता मंगेशकर, मुकेश, शैलेंद्र,लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल, शंकर जयकिशन, हसरत जयपुरी और रविन्द्र जैन जैसी संगीत की हस्तियाँ भी इस होली समारोह की शान रहीं।

आरके स्टूडियो की होली बंद क्यों हुई

आरके (RK Studio) की यह होली क्यों बंद हो गयी। इस पर रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) से एक बार मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया था कि कुछ मेहमान ऐसे आने लगे थे जो अपने साथ भी कुछ ऐसे लोगों को ले आते थे कि वे समारोह को बेमज़ा कर देते थे। हमारे यहाँ शुरू से होली समारोह में खाने पीने के सामान की कभी कोई कमी नहीं रहती थी। लेकिन कुछ लोग खा पीकर इतना हुड़दंग करते थे कि वह सब सभी अच्छे लोगों को गवारा नहीं होता था। कुछ तो वहाँ रखे खाने पीने के सामान को जाते समय अपने साथ घर तक ले जाने लगे। ऐसी बहुत सी बातों को देखकर यह सामूहिक होली समारोह बंद कर दिया गया।

कुछ बड़े फिल्मकारों ने अपने यहाँ होली समारोह का आयोजन शुरू किया

राज कपूर (Raj Kapoor) की इस होली को देख कुछ और बड़े फिल्मकारों और सितारों ने अपने यहाँ होली समारोह का आयोजन अपने अपने ग्रुप के लोगों के साथ शुरू किया था। जिनमें यश चोपड़ा, सुभाष घई और अमिताभ बच्चन के यहाँ आयोजित होली समारोह मशहूर भी हुए। लेकिन बाद में ये आयोजन भी नियमित न हो सके और फिर सभी सामूहिक होली की जगह अपने अपने घरों की होली तक सिमट कर रह गए।

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) अब भी कभी कभी अपने घर होली का आयोजन करते रहते हैं। लेकिन कभी कोरोना के कारण तो कभी अमिताभ बच्चन की अपनी खराब तबीयत या उनके परिवार-खानदान में किसी दुख या शोक के चलते वह आयोजन नियमित नहीं हो पाता। हालांकि होली को वह भी बहुत अच्छे से मनाते हैं। सामूहिक होली न हो सके तो अपने परिवार के साथ तो वह होली अच्छे से मनाते हैं।

फिल्मों में भी बहुत होली खेल चुके हैं अमिताभ बच्चन

फिर दिलचस्प यह भी है कि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) हिन्दी सिनेमा के ऐसे सितारे हैं, जो अपनी फिल्मों में भी बहुत होली खेल चुके हैं। यहाँ तक हमारे बहुत से होली गीत भी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) पर फिल्मांकित हुए हैं। चाहे उन्हीं की आवाज़ में गाये फिल्म ‘सिलसिला’ का गीत ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे हो’ या फिल्म ‘बागबान’ का ‘होली खेले रघुवीरा अवध में, होली खेले रघुवीरा’। बरसों से ये होली गीत ऐसे गीत बन चुके हैं, जिनके बिना कोई भी होली उत्सव पूरा नहीं होता। फिर भी आर के स्टूडियो (RK Studio) की होली (RK Studio Holi) ऐसी होली थी जिसका आज भी कोई सानी नहीं है। वह होली भुलाए नहीं भूलती।

 

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