Dhai Aakhar: 6 फिल्म समारोह के बाद ‘ढाई आखर’ अब रिलीज हो रही है सिनेमा घरों में, मृणाल कुलकर्णी हैं फिल्म की नायिका
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
गोवा के पिछले 54 वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (IFFI 2023) में एक फिल्म ‘ढाई आखर’ (Dhai Aakhar) अच्छी ख़ासी चर्चा में रही थी। निर्देशक प्रवीण अरोड़ा (Praveen Arora) की इस पहली फिल्म का गत वर्ष गोवा में 25 नवंबर को वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था। जहां यह किसी निर्देशक की पहली फिल्म के खंड में, रजत मयूर की प्रतियोगिता में सम्मिलित 7 फिल्मों में एक थी।
कंबोडिया फिल्म समारोह में जूरी अवार्ड मिला
बाद में यह फिल्म देश-विदेश के अन्य कई फिल्म समारोह में भी दिखाई गयी। कंबोडिया फिल्म समारोह में तो ‘ढाई आखर’ (Dhai Aakhar) को जूरी अवार्ड से पुरस्कृत भी किया गया। अब गोवा के वर्ल्ड प्रीमियर के ठीक एक बरस बाद, 22 नवंबर को ‘ढाई आखर’ (Dhai Aakhar) देश भर में सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है।
फिल्म को 6 अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में दिखाया गया
‘ढाई आखर’ (Dhai Aakhar) को थिएटर में प्रदर्शित करने में एक बरस क्यों लग गया ? जब यह सवाल मैंने प्रवीण (Praveen Arora) से पूछा तो वह बोले-‘’इस पिछले एक बरस में हम अपनी इस फिल्म को 6 अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में लेकर गए। इससे हमको विश्व भर से फिल्म के प्रति फ़िल्मकारों और दर्शकों दोनों का अच्छा नज़रिया देखने को मिला। अब हम इसे देश भर में प्रदर्शित कर रहे हैं।‘’
मृणाल कुलकर्णी नायिका हर्षिता की प्रमुख भूमिका में हैं
फिल्म में अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी (Mrinal Kulkarni) नायिका हर्षिता की प्रमुख भूमिका में हैं। मृणाल हिन्दी और मराठी सिनेमा की तो वरिष्ठ और खूबसूरत अभिनेत्री हैं ही। साथ ही वह ‘श्रीकांत’,‘हसरतें’ और ‘सोन‘परी’ जैसे कितने ही सीरियल में भी अपने दमदार अभिनय की कई मिसाल पेश कर चुकी हैं। हरीश खन्ना, प्रसन्ना बिष्ट और रोहित कोकाटे अन्य प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
जबकि फिल्म की पटकथा और संवाद प्रसिद्द लेखक असगर वजाहत ने और गीत इरशाद कामिल ने लिखे हैं। संगीतकार अनुपम रॉय और गायिका कविता सेठ भी इस फिल्म की सशक्त टीम का हिस्सा हैं। फिल्म के कथानक की बात तो ‘ढाई आखर’ (Dhai Aakhar) लेखक अमरीक सिंह दीप के उपन्यास ‘तीर्थाटन के बाद’ पर आधारित है।
क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म उस महिला हर्षिता पर केन्द्रित है, जो बरसों से घरेलू हिंसा और अपमानजनक वैवाहिक जीवन जीती रही है। विधवा हो चुकी हर्षिता पत्रों के माध्यम से एक प्रसिद्द लेखक श्रीधर के करीब आती है। लेकिन हर्षिता और श्रीधर के ये संबंध परिवार और समाज को सहन नहीं होते। सवाल यह है कि हर्षिता का अपना अस्तित्व क्या है?