Budget 2025: मोदी सरकार ने बजट में किया बड़ा ऐलान, 12 लाख तक की इन्कम पर टैक्स हुआ फ्री, समझिए नई टैक्स रिजीम को
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किए गए बजट में इनकम टैक्स छूट को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया, जो कि पहले 7 लाख रुपये थी। सरकार के इस ऐलान के बाद अब एक लाख रुपये प्रति महीने कमाने वाले व्यक्ति को टैक्स नहीं देना होगा।
वित्त मंत्री के इस ऐलान के साथ अब वेतन पाने वाले लोगों को 12.75 लाख रुपये तक (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की आय पर टैक्स नहीं देना है। सरकार द्वारा वेतनभोगी लोगों को 75,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की कटौती दी जाती है।
4 लाख रुपये की आय पर टैक्स शून्य होगा
निर्मला सीतारमण ने कहा, “नई कर संरचना मध्यम वर्ग के लिए व्यापक रूप से करों के बोझ को कम करेगी और उनके हाथों में ज्यादा धन उपलब्ध कराएगी, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।”
नई कर व्यवस्था के तहत वित्त मंत्री ने करों की दर संरचना में संशोधन का प्रस्ताव इस प्रकार किया
0-4 लाख रुपए | शून्य |
4-8 लाख रुपए | 5 प्रतिशत |
8-12 लाख रुपए | 10 प्रतिशत |
12-16 लाख रुपए | 15 प्रतिशत |
16-20 लाख रुपए | 20 प्रतिशत |
20-24 लाख रुपए | 25 प्रतिशत |
24 लाख रुपए से अधिक | 30 प्रतिशत |
12 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये की बचत होगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई टैक्स रिजीम के तहत किए गए इस बदलाव के बाद 12 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये की बचत होगी। वहीं, 18 लाख रुपये की आय पर 70,000 रुपये, 25 लाख रुपये की आय पर 1,10,000 रुपये की बचत होगी।
सरकार का डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स कम होगा
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स में छूट बढ़ाने से सरकार का डायरेक्ट टैक्स 1,00,000 करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स 2,600 करोड़ रुपये कम होगा। केंद्रीय बजट में अगस्त 2024 या उसके बाद राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खातों से निकासी पर कर से छूट देने का भी प्रस्ताव है।
संसद का बजट सत्र, जो शुक्रवार को शुरू हुआ, दो चरणों में आयोजित किया जाएगा – पहला 31 जनवरी को शुरू होगा और 13 फरवरी को समाप्त होगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च को शुरू होगा और 4 अप्रैल को समाप्त होगा।
नागरिक सुशासन की आशा में जीते हैं
थिरुक्कुरल के 542वें श्लोक को उद्धृत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “जैसे जीवित प्राणी वर्षा की आशा में जीते हैं, वैसे ही नागरिक सुशासन की आशा में जीते हैं।” कर सुधार लोगों एवं अर्थव्यवस्था के लिए सुशासन हासिल करने का एक साधन हैं। सुशासन प्रदान करने की प्रक्रिया में मुख्य रूप से जवाबदेही का समावेश होता है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर संबंधी ये प्रस्ताव विस्तार से इस बात को दर्शाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने नागरिकों द्वारा व्यक्त आवश्यकताओं को समझने और उन्हें पूरा करने के लिए किस प्रकार कदम उठाए हैं।