सीएम रेखा गुप्ता ने किया बड़ा ऐलान, अब दिल्ली के स्कूल मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकेंगे फीस

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य कैबिनेट ने एक ड्राफ्ट बिल पास किया है, जो दिल्ली के सभी 1,677 स्कूलों पर लागू होगा। इसमें सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और निजी स्कूल सभी शामिल हैं। इस बिल के जरिए स्कूलों की फीस पर सख्त और स्पष्ट नियम बनाए जाएंगे। यह फैसला अभिभावकों की लगातार शिकायतों के बाद लिया गया है। अभिभावकों का आरोप था कि कुछ स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ा रहे हैं और बच्चों व माता-पिता को परेशान कर रहे हैं।
सीएम गुप्ता ने कहा, “मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है। एक पूर्ण गाइडलाइन तैयार की गई है, जिसमें स्कूल फीस की पूरी प्रक्रिया तय की गई है। यह सभी प्रकार के सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होगा।”
रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि पहली बार ऐसा बिल लाया गया है जिसमें अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन, निदेशालय और सरकार की भूमिका स्पष्ट रूप से परिभाषित की गई है, ताकि कोई भी पक्ष अपनी सीमाओं से बाहर न जाए। सीएम गुप्ता ने कहा कि अब तक किसी भी सरकार ने इस दिशा में इतना ठोस कदम नहीं उठाया था। पहले सिर्फ दिल्ली स्कूल अधिनियम 1973 में फीस से संबंधित एक सेक्शन था, जिसमें कोई गाइडलाइन नहीं थी जिससे निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक लग सके।
मुख्यमंत्री ने 15 अप्रैल को भी चेतावनी दी थी कि जो भी स्कूल नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा- “कई स्कूलों के अभिभावक मुझसे मिलकर शिकायत कर रहे हैं। कोई भी स्कूल बच्चों या अभिभावकों को धमका नहीं सकता, फीस मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकता। सख्त कानून और नियम हैं, जिनका पालन जरूरी है।”
सीएम गुप्ता ने बताया कि जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। हाल ही में एक जन संवाद कार्यक्रम में मॉडल टाउन स्थित क्वीन मैरी स्कूल के खिलाफ भी शिकायत आई थी कि स्कूल ने गलत तरीके से अतिरिक्त फीस ली और बच्चों को स्कूल से निकाल दिया। इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, समान अवसर और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। किसी भी प्रकार की अन्याय, शोषण या अनियमितता के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि हर बच्चे को न्याय, सम्मान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए।