विजेंद्र गुप्ता ने स्पीकर बनते ही दिल्ली विधानसभा की प्रतिष्ठा को किया पुनर्स्थापित, 24-28 मार्च के बजट सत्र का व्यापक विधायी एजेंडा तय

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली की 8वीं विधानसभा के पहले सत्र को समाप्त करने और दूसरे सत्र को 24 मार्च 2025 से 28 मार्च 2025 तक बुलाने के आदेश से संविधान, विधानसभा नियमों और संसदीय परंपराओं की गरिमा दिल्ली में फिर से बहाल हो गई है।
पिछली आप सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों, विधायी प्रक्रियाओं और संसदीय परंपराओं की खुली अवहेलना करते हुए दिल्ली विधानसभा को एक दिखावटी मंच बना दिया था।
2020 से 2025 तक विधानसभा ने केवल 4 सत्र आयोजित किए
आमतौर पर भारत की संसद और सभी राज्य विधानसभाओं में हर साल तीन सत्र होते हैं – बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र। इसके अतिरिक्त, विशेष परिस्थितियों में कभी-कभी विशेष सत्र भी बुलाए जाते हैं। लेकिन 2020 से 2025 तक के पांच साल के कार्यकाल में सातवीं दिल्ली विधानसभा ने केवल चार सत्र आयोजित किए, और कुछ मामलों में बिना विधानसभा को औपचारिक रूप से समाप्त किए ही सत्र बुलाए गए, जिनका उपयोग संवैधानिक संस्थाओं और अन्य राज्य सरकारों की आलोचना के लिए किया गया।
अब नई सरकार के सत्ता में आने के बाद, विधानसभा की गरिमा और प्रतिष्ठा बढ़ी है। पहले सत्र को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है और अब दूसरा सत्र, यानी बजट सत्र, बुलाया जा रहा है।
विधानसभा निर्धारित तीन सत्रों का पालन करेगी
अब से विधानसभा हर साल निर्धारित तीन सत्रों (बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र) का पालन करेगी, जिसमें प्रश्नकाल, निजी विधेयकों पर चर्चा और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर बहस होगी ताकि दिल्ली की जनता की आवाज़ सुनी जा सके। विशेष सत्र केवल असाधारण परिस्थितियों में ही बुलाए जाएंगे।
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