नितिन गडकरी ने किया 44 साल पुराने अखबार ‘पुनर्वास’ के न्यूज़ पोर्टल ‘पुनर्वास ऑनलाइन डॉट कॉम’ का लोकार्पण
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज 44 साल पुराने प्रतिष्ठित अखबार ‘पुनर्वास’ के न्यूज़ पोर्टल Punarvas Online. Com का उद्दघाटन कर, इसका डिजिटल अवतार प्रस्तुत कर दिया। कार्यक्रम नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। सबसे पहले लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। उनके बाद सुप्रसिद्द कवि सुरेंद्र शर्मा और अशोक चक्रधर, दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव और लेखक उमेश सैगल, दिल्ली विश्वास नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य ओमप्रकाश शर्मा और लक्ष्मी नगर विधानसभा सदस्य अभय वर्मा के साथ पुनर्वास संपादक प्रदीप सरदाना ने दीप प्रज्ज्वलन कर इस पावन पर्व को अति सुंदर बना दिया।
इस अवसर पर नितिन गडकरी ने अपने सम्बोधन में कहा-‘’ मुझे लगता है अब राजनीति पत्रकारिता से लोग ऊब गए हैं। इस नेता ने क्या कहा,उसने क्या कहा, कौनसा विवाद। इसमें अब लोगों की दिलचस्पी नहीं है। यह डिजिटल युग है। अब लोग ज्ञान चाहते हैं, जानकारी चाहते हैं। ये जो युवा पीढ़ी है वो नवीनता चाहती है,शोध चाहती है। क्या नया हो रहा है,क्या बड़ा हो रहा है,लोगों की दिलचस्पी इसमें है।
नितिन गडकरी ने की प्रदीप सरदाना के कार्यों की सराहना
श्री गडकरी ने वरिष्ठ पत्रकार और ‘पुनर्वास’ संपादक प्रदीप सरदाना की भी भरपूर सराहना की। उन्होंने कहा-“कुछ लेखक, पत्रकार अपनी लेखनी से समाज को बदलने की ताकत रखते हैं। जाने माने पत्रकार प्रदीप सरदाना जी ऐसे पत्रकारों में अग्रणी हैं।
पत्रकारिता की उनकी 48 साल की जो यात्रा है, वह अद्धभुत है। मिशन पत्रकारिता के वर्चस्व पत्रकारों में प्रदीप सरदाना जी का नाम है। जो समाज के हित में है उसको प्रखरता से रखने की ताकत जिन पत्रकारों में है उनमें से आप हैं। बड़ी बात यह भी है कि आपने सिर्फ 14 साल की उम्र में पत्रकारिता शुरू की। 17 साल की उम्र में ‘पुनर्वास’ के संपादक बने।
आज तक उसे चला रहे हैं। फिर ऐसा कोई हिन्दी अखबार नहीं है जिसके साथ आपने काम न किया हो। आपने सभी अखबारों में लिखा। आपने जो लिखा उसे लोगों ने मान्यता दी। आप अभी तक जो लिखते आए हैं। आपकी मिशन पत्रकारिता के पीछे एक मकसद रहा है। आपके लेखन और शब्दों में जो उदिष्ट है,उसमें आम आदमी तक पहुँचाने की आपके मन में जो प्रतिबद्धता स्पष्ट झलकती है। आपका यह लेखन समाज जीवन के साथ राष्ट्र जीवन को बदलने में सक्षम रहा है।‘’
श्री गडकरी ने यह भी कहा-‘पुनर्वास ऑनलाइन डॉट कॉम’ अपनी उदेश्यपूर्ण और सैदांतिक पत्रकारिता के कारण सफल रहेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। इसे देश के साथ विदेशों में भी लोग खूब पढ़ेंगे। मैं इसकी सफलता के लिए प्रदीप जी को अपनी शुभकामनायें देता हूँ।‘’
मनोज तिवारी, वीरेंद्र सचदेवा, सुरेन्द्र शर्मा और अशोक चक्रधर ने भी किया सम्बोधन
सांसद मनोज तिवारी ने भी प्रदीप सरदाना की पत्रकारिता और उनके बतौर फिल्म समीक्षक के लेखन की प्रशंसा करते हुए ‘पुनर्वास ऑनलाइन डॉट कॉम’ के लिए अपनी शुभकामनायें दीं।
समारोह में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शामिल होकर ‘पुनर्वास’ और ‘पुनर्वास’ संपादक प्रदीप सरदाना के साथ अपने 35 बरस पुराने सम्बन्धों को व्यक्त किया। साथ ही ‘पुनर्वास ऑनलाइन डॉट कॉम’ की सफलता को लेकर अपने भाव व्यक्त किए।
साथ ही कवि सुरेन्द्र शर्मा और अशोक चक्रधर ने भी अपने सम्बोधन में प्रदीप सरदाना के साथ अपने बरसों पुराने रिश्ते और पुनर्वास की अब तक की यात्रा पर प्रकाश डाला। देश के इन दोनों महान कवियों का कहना था कि प्रदीप सरदाना ने अपने जीवन और पत्रकारिता दोनों में ईमानदारी और आदर्श मूल्यों को सदा प्राथमिकता दी है।
कार्यक्रम का शानदार संचालन समीक्षक और टीवी पैनेलिस्ट स्तुति सरदाना ने किया।
इन सभी के साथ समारोह में साहित्य, पत्रकारिता, कला, संस्कृति, चिकित्सा, सिनेमा और टीवी क्षेत्र की और भी कई हस्तियाँ शामिल हुईं। जिनमें प्रसिद्द चिकित्सक डॉ ए एस दवे, प्रतिष्ठित प्रभात प्रकाशन के प्रमुख प्रभात कुमार, एबीपी न्यूज़ डिजिटल के संपादक अब्दुल वाहिद आज़ाद, सांध्य टाइम्स के संपादक ललित वर्मा, रोजगार समाचार, प्रकाशन विभाग के संपादक जयसिंह, वाल्ट डिज्नी कंपनी इंडिया के सहयोगी निदेशक प्रवीन त्रिखा, एक्सपर्ट मीडिया नेटवर्क के गोपेंद्र नाथ भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया, विनोद बहल, जाने माने कार्टूनिस्ट उदय शंकर, भाजपा दिल्ली के सोशल मीडिया प्रमुख रोहित उपाध्याय, इफ़्को के पूर्व उप महाप्रबंधक घनशाम दास, फ़िल्मकार अरविंद स्वामी, सिनेमटोग्राफर राजेन्द्र सिंह, गीतकार विनोद शर्मा और जाने माने वित्तीय सलाहकार राजीव गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
बता दें ‘पुनर्वास’ का प्रथम प्रकाशन जाने माने वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सरदाना ने 1978 में तब शुरू किया था जब वह सिर्फ 17 बरस के थे। जो देश में सबसे कम उम्र के संपादक प्रकाशक होने का एक रिकॉर्ड है। सुप्रसिद्द कवि डॉ हरिवंश राय बच्चन तब ‘पुनर्वास’ के संरक्षक थे।