उर्वशी अग्रवाल की ‘व्यथा कहे पांचाली’ का दिल्ली में शानदार मंचन, देश के अन्य शहरों में भी होगा यह नाटक

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 

देश की राजधानी दिल्ली में यूं तो आए दिन कितने ही नाटकों का मंचन होता रहता है। कुछ नाटक अच्छे होते हैं और कुछ खराब। लेकिन कुछ नाटक ऐसे होते हैं जो दिलों में घर कर जाते हैं। ऐसे ही एक नाटक ‘व्यथा कहे पांचाली’ का हाल ही में दिल्ली के लिटिल थिएटर ग्रुप सभागार में मंचन हुआ।

यह एक नए प्रकार का प्रयोग था। जिसमें प्रसिद्द कवयित्री और लेखिका डॉ उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ (Dr.Urvashi Agrawal Urvi) द्वारा लिखित पुस्तक ‘व्यथा कहे पांचाली’ की चौपाइयों को एक संगीतमय नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया। जिसका निर्देशन जानी मानी रंगकर्मी काजल सूरी ने किया।

नाटक में द्रौपदी की व्यथा, दुर्योधन की धूर्तता, गांधारी का श्राप, अभिमन्यु वध, कुंती का पछतावा, धृतराष्ट्र का दुख और पांडवों की विवशतता जैसे प्रसंग बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किए गए। रूबरू थिएटर द्वारा मंचित इस नाटक में काजल सूरी का निर्देशन तो अच्छा रहा ही। साथ ही मंच सज्जा, सेट, प्रकाश और ध्वनि भी नाटक के प्रसंगों के अनुकूल रहे।

कलाकारों का अभिनय सराहनीय रहा

फिर नाटक में कलाकारों का अभिनय भी सराहनीय रहा। प्रमुख भूमिकाओं में वर्षा, जसकिरण चोपड़ा, धर्म गुप्ता, शुभम शर्मा, गीता सेठी, नीरज तिवारी, दिता, कृष, तनीषा, सुजाता और बाल कलाकार मायरा ने भी अपनी भूमिकाओं  से न्याय किया। कुछ दृश्य तो बेहद मार्मिक बन गए।

सभागार में विशिष्ट दर्शक भी मौजूद थे

उधर उर्वशी अग्रवाल भी सूत्रधार के रूप में मंच पर आती जाती रहीं। खचाखच भरे सभागार में कुछ विशिष्ट दर्शक भी मौजूद थे। जिनमें सुप्रसिद्द हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, संपादक-प्रकाशक पवन अग्रवाल, बालस्वरूप राही, ओम निश्चल, नलिनी-कमलिनी, डॉ माला कपूर ‘गौहर’, ऋषि कुमार शर्मा, अनिल समोता, तूलिका सेठ, उमा नवानी और प्रवीण आर्य प्रमुख हैं।

अब अन्य शहरों में भी होगा यह नाटक

उर्वशी अग्रवाल (Urvashi Agrawal) बताती हैं- ‘’यह एक नया प्रयोग था जब चौपाइयों को इस तरह मंचित किया गया। लेकिन मुझे खुशी है कि यह प्रयोग सफल रहा। दर्शकों की प्रतिक्रियाओं से आनंदित हूँ। अब हम इस नाटक को आगे भी दिल्ली के साथ देश के कुछ अन्य शहरों में भी करेंगे।‘’

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