बिहार में जहरीली शराब से मचा हाहाकर, मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 33

बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है। इस दुखद घटना ने पूरे राज्य को झकझोर रख दिया है, जहरीली शराब से 28 लोगों की मौत सीवान में और 5 की मौत सारण जिले में हुई है। घटना के बाद, 79 लोगों को सिवान सदर अस्पताल और बसंतपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इनमें से 13 गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना भेज दिया गया है, जबकि 30 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

सिवान जिला अधिकारी ने 5 वरिष्ठ डॉक्टरों की एक मेडिकल टीम बनाई है। सिवान सदर अस्पताल, बसंतपुर CHC और महाराजगंज उप-मंडल अस्पताल में कुल 80 बेड आरक्षित किए गए हैं ताकि प्रभावित लोगों का इलाज किया जा सके। सभी अस्पतालों को अगले 24 घंटे तक अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। प्रभावित पंचायतों में अतिरिक्त एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। ANM, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कर्मचारियों और पंचायत के लोगों को घर-घर जाकर मरीजों की जांच करने और किसी गंभीर लक्षण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए गए है।

बिहार में शराबकांड पर मचा सियासी घमासान

सिवान शराबकांड ने बिहार में सरकार की शराबबंदी नीति पर फिर से बहस छेड़ दी है। विपक्षी नेताओं, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं ने नीतीश कुमार सरकार पर शराबबंदी को सही से लागू नहीं करने का आरोप लगाया है।

आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने वर्तमान बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “शराबबंदी नीतीश कुमार की संस्थागत भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है। अगर शराबबंदी लागू हुई है, तो इसे पूरी तरह से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक और नीतिगत उलझन, कमजोर इच्छाशक्ति और जनप्रतिनिधियों की जगह चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण, बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से विफल है।”

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि सरकार इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “इस घटना के पीछे जो लोग हैं, उनकी पहचान की जा रही है और उनके चेहरे बेनकाब किए जाएंगे। गरीबों की जान से खेलने वाले दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। शराब का कारोबार करने वाले लोग RJD से उम्मीदवार बनते हैं। शराबबंदी सबकी सहमति से लागू हुई थी, और इसे पूरी तरह से लागू करने में सबको सहयोग करना चाहिए, न कि इस अपराध में शामिल अपराधियों को बचाना चाहिए।”

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