पटाखों से नहीं पराली से होता है ज्यादा प्रदूषण, पटाखे चलने के बाद भी सुबह का AQI कम रिकार्ड हुआ, बोले वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर साल दर साल दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण के नाम पर दिवाली पर पटाखे चलाने की सनातनी परम्परा को बदनाम करने की साजिश एक बार फिर से विफल हुई।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि विगत दो वर्षों 2022 एवं 2023 में भी दिवाली की रात के पटाखे चलने के बाद की सुबह का ए.कयू.आई. ठीक दिवाली के दिन के ए.क्यू.आई. (AQI) से कम रिकार्ड हुआ था जिसके बाद भी अरविंद केजरीवाल के इशारे पर वर्तमान आतिशी मार्लेना सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गत एक महीने से जम कर पटाखा विरोधी अभियान चलाया, पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जिसे हर वर्ष की भांति दिल्ली वालों ने नाकार दिया।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि रात आज सुबह जब दिल्ली वाले सो कर उठे तो रोज से भी अच्छी हवा चल रही थी और सुबह 4 बजे से 9 बजे तक का ए.कयू.आई. बीते कल से कम रिकार्ड हुआ।

सड़कों पर वाहन चलने से धूल का प्रभाव रात जलने वाले पटाखों से कहीं अधिक होता है

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हम लगातार कहते रहे हैं कि दिल्ली में विंटर प्रदूषण के मुख्य कारक पंजाब में जलने वाली पराली एवं अनियंत्रित धूल मिट्टी है। सच तो यह है की दिल्ली की टूटी सड़कों पर रोज़ाना वाहन चलने से उड़ने वाली धूल का प्रभाव एक रात जलने वाले पटाखों से कहीं अधिक होता है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज 1 नवम्बर सुबह 4 बजे ए.कयू.आई. 359 और 8 बजे 363 रिकार्ड हुआ जबकि बीते कल 31 अक्टूबर को यह 365 एवं 370 था। उन्होंने मांग की है कि अरविंद केजरीवाल, आतिशी मार्लेना एवं गोपाल राय स्वीकार करें की वह पटाखा जलाने की सनातनी परम्परा को बदनाम कर रहे थे और सनातन समाज से माफी मांगें।

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