Smriti Biswas: दिल दहला देती है खूबसूरत अभिनेत्री स्मृति बिस्वास की ज़िंदगी की कहानी, 100 बरस की उम्र में बेबसी में हुआ निधन, बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ की थीं 90 फिल्में

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

अभिनेत्री स्मृति बिस्वास कभी सिने संसार की ऐसी हस्ती थीं, जिनके सौभाग्य को देख लोग कहते थे- स्मृति ने क्या किस्मत पायी है। बड़े बड़े बंगले, चमचमाती बड़ी कारें और गहनों से लदी खूबसूरत स्मृति बिस्वास।

लेकिन वक्त ने ऐसी करवट ली कि वो सुख, वो सुविधाएं वो शान-ओ- शौकत, वो बंगले, वो गाड़ियां सभी स्मृति से दूर होती गईं। यहाँ तक फिल्म दुनिया के अधिकांश लोगों और दर्शकों की स्मृतियों से भी स्मृति बिस्वास लुप्त हो गईं। कई बरसों से यह अभिनेत्री मुंबई से दूर एक छोटे से कमरे में आर्थिक समस्याओं से जूझते हुए  जैसे तैसे गुजर बसर कर रही थीं।

गत 3 जुलाई रात को जब इन वयोवृद्द अभिनेत्री स्मृति बिस्वास (Smriti Biswas) के निधन का समाचार मिला तो मन व्यथित हो गया। यूं तो स्मृति (Smriti Biswas) इस समय देश की सबसे अधिक उम्र की अभिनेत्री थीं। गत 17 फरवरी को ही स्मृति जी (Smriti Biswas) ने अपना 100 वां जन्म दिन मनाया था। आज के युग में किसी कलाकार को इतनी उम्र मिलना दुर्लभ ही है।

बड़ी बात यह भी थी कि वह अपनी इस उम्र के हिसाब से काफी स्वस्थ थीं। सुनने में उन्हें जरूर कुछ तकलीफ थी। पर उनकी स्मृति 100 साल की उम्र में भी गज़ब थी। लेकिन मन व्यथित होने का मूल कारण  यही था कि स्मृति बिस्वास (Smriti Biswas) कभी फिल्म जगत का चमकता सितारा थीं। लेकिन उनका अंत जिस तरह की आर्थिक तंगियों और बेबसी में हुआ वह बेहद दुखदायी रहा।

90 फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री को भूल गए लोग

हालांकि आज की पीढ़ी स्मृति (Smriti Biswas) को नहीं जानती। क्योंकि सन 1960 में प्रसिद्द फ़िल्मकार एस डी नारंग (S.D. Narang) से शादी के बाद उन्होंने फिल्म संसार से पूरी तरह संन्यास ले लिया था। स्मृति (Smriti Biswas) ने फिल्मों में अभिनय करना ही नहीं छोड़ा, फिल्म समारोहों तक में जाना छोड़ दिया था।

सिर्फ 6 बरस की उम्र में बाल कलाकार के रूप में बांग्ला फिल्म ‘संध्या’ से अपनी अभिनय यात्रा आरंभ करने वाली स्मृति (Smriti Biswas) की अंतिम फिल्म ‘मॉडर्न गर्ल’ 1961 में आई थी। इस दौरान इस अभिनेत्री ने हिन्दी, बांग्ला और मराठी की कुल लगभग 90 फिल्मों में काम किया।

बड़ी बात यह रही कि स्मृति (Smriti Biswas) ने बाल कलाकार के बाद जहां कुछ फिल्मों में नायिका की भूमिका की। वहाँ बाद में सहनायिका से लेकर कई किस्म की भूमिकाएँ कीं। जिनमें हास्य, गंभीर, मारधाड़ के साथ भावनात्मक भूमिकाएँ भी खूब रहीं। उनकी प्रमुख फिल्मों में जागते रहो, चाँदनी चौक, पहला आदमी, सैलाब, रूप लेखा, मर्यादा, हमदर्द, नयी भाभी, अरब का सौदागर, नेक दिल, यहूदी की लड़की, अनुराग, रागिनी, मुक्ति, अपराजिता, दिल्ली का ठग, बाप रे बाप और भागम भाग शामिल हैं।

बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ की हैं फिल्में

स्मृति ने राज कपूर, देव आनंद, गुरु दत्त, बलराज साहनी, सुनील दत्त, किशोर कुमार, जॉनी वाकर, चंद्रशेखर जैसे प्रसिद्द अभिनेताओं के साथ-साथ बिमल रॉय और मृणाल सेन जैसे दिग्गज निर्माताओं  के साथ भी काम किया। वहीं उन एस डी नारंग के साथ तो कई फिल्में कीं, जो उनके पति बने।

दिल दहला देती है स्मृति के दुखों की लंबी कहानी

स्मृति (Smriti Biswas) ने फिल्मों में काम करते हुए स्वयं तो बहुत कुछ कमाया ही। साथ ही फ़िल्मकार एस डी नारंग से शादी के बाद तो स्मृति की गिनती बंबई की प्रसिद्द धनवान महिलाओं में होने लगी थी। उनकी ज़िंदगी बहुत खूबसूरत चल रही थी। उन्हें दो बेटे भी हुए राजीव और सत्यजीत। लेकिन उनकी ज़िंदगी में मुसीबतों का ऐसा दौर शुरू हुआ कि सभी दंग रह गए। पति एस डी नारंग के 1986 में निधन के बाद तो इस परिवार की हालत और भी नाजुक हो गयी। कई किस्म के धोखों और मुसीबतों से इनके बंगले, कारें सब गुजरे जमाने की बातें हो गईं। उनकी इस दर्दनाक कहानी को जान दिल दहल जाता है। जिसके पास कभी इतना कुछ था लेकिन धीरे-धीरे सभी कुछ हाथ से रेत की तरह फिसलता गया।

यहाँ तक स्मृति (Smriti Biswas) को मुंबई छोड़कर नासिक के अपनी बहन के, एक छोटे से मकान में शिफ्ट करना पड़ा। रहने के लिए एक छोटी सी छत तो मिल गयी। लेकिन जीवन निर्वाह के लिए उन्हें दूसरों पर आश्रित रहना पड़ा। नासिक के उसी घर में बदहाली में जब स्मृति ने अंतिम सांस ली तो मन पसीज गया। लेकिन स्मृति को अपने दुख भरे लंबे दिनों के बाद भी ना फिल्म इंडस्ट्री से कोई गिला-शिकवा था और ना उन लोगों से जिन्होंने अपना बनकर उनका सब कुछ लूट लिया था।

Related Articles

Back to top button