नई दिल्ली। केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद हर्ष मल्होत्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल पिछले 10 सालों से सत्ता में है और वर्तमान में उनकी सरकार है फिर उन्हें कुछ भी घोषणा करने की क्या आवश्यकता है। सिर्फ कैबिनेट बैठक बुलाकर इन सभी घोषणाओं को पास कर लागू कर दीजिए लेकिन अरविंद केजरीवाल सिर्फ चुनावी घोषणा करते हैं।
प्रेसवार्ता में मयूर विहार जिला अध्यक्ष विजेन्द्र धामा एवं शाहदरा जिला अध्यक्ष संजय गोयल, शाहदरा साउथ जोन के चेयरमैन संदीप कपूर, डिप्टी चेयरमैन संजीव सिंह और जिला प्रवक्ता भारत गौड़ उपस्थित थे।
केजरीवाल ने दिल्ली को कूड़ों के पहाड़ का शहर बना दिया है
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की वर्तमान घोषणाएं ठीक उसी तरह का है जैसे उन्होंने यमुना सफाई की बात कही थी और दिल्ली से कूड़ा हटाने की घोषणा की थी लेकिन आज भी दिल्ली की यमुना पूरी तरह से मैली है और दिल्ली को कूड़ों के पहाड़ का शहर बना दिया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ झूठ बोलते हैं और वह हर वक्त इसको साबित करते हैं।
पूर्वी दिल्ली के सांसद ने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि मेरे पास निगम आएगी तो गाजीपुर का पहाड़ एक साल में खत्म कर देंगे लेकिन जब एक साल बाद पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी दो साल और लगेंगे। 140 लाख मिट्रिक टन कूड़ा अभी भी पड़ा है और 2600 मिट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन आता है इसलिए केजरीवाल और दिल्ली के मेयर बताए कि पहाड़ के कूड़े को कम करने के लिए इन्होंने क्या किया।
सिर्फ झूठ बोलना और चुनावी घोषणा करना केजरीवाल की पुरानी आदत है
भाजपा नेता ने आगे यह भी कहा कि सिर्फ झूठ बोलना और चुनावी घोषणा करना केजरीवाल की पुरानी आदत है लेकिन आज विकास के कार्य बताने का समय है और दिल्लीवाले पूछ रहे हैं कि आखिर उन्होंने क्या किया। दिल्ली में तीन कूड़े के पहाड़ है गाजीपुर, भलस्वा और ओखला और तीनों जगहों को मिलाकर 229 लाख मिट्रीक टन कूड़ा है और उसके लिए कोई केजरीवाल ने कोई योजना नहीं बनाई है जबकि दिल्ली की उपराज्यपाल ने केन्द्र सरकार की मदद से काम करना शुरु किया और उसके लिए मई 2022 से सितम्बर 2022 तक 25 लाख मैट्रिक टन वहां से हटाया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि टर्मोयल मशीन लगाई गई है जिसमें तीन तरह का प्रोडक्ट निकलता है रिफ्यूज ड्राइव फ्यूल जिसमें से एक भट्टियों में कोयले की जगह काम आता है को पेपर मिल में प्रयोग के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए पैसे भी मिलते हैं और उन पैसों को निष्तारण के लिए प्रयोग किया जा रहा है। सीएनडी वेस्ट मैटेरियल शास्त्री पार्क और बुराड़ी में सीएनडी वेस्ट प्लांट में बनता है और वहां से इनर्ट वेस्ट निकलता है वह रोड बनाते वक्त नीचे डलने का काम आ रहा है। एनटीपीसी का ईको पार्क, मीठापुर इत्यादी जगहों पर इसका प्रयोग किया गया है।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कूड़े के निष्तारण के लिए कोई काम नहीं किया और इस आप-दा सरकार ने पूरी दिल्ली में कोई काम नहीं किया। नेशनल ग्रीन ट्यूनल ने एक कमिटी बनाई जिसमें यमुना को साफ करने के लिए उपराज्यपाल को प्रमुख बनाया लेकिन अरविंद केजरीवाल यमुना साफ ना हो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट चले गए। 8500 करोड़ रुपये हड़पकर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेकर आए।
उपराज्यपाल ने तीनों कूड़े के पहाड़ों को कम करने के लिए काम शुरु किया है जिसमें से 15 मीटर हाईट कम की गई है।हर्ष मल्होत्रा ने कहा है कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल से जवाब चाहती है कि क्या यह सच नही की जब केंद्र सरकार ने यमुना सफाई पर काम किया तो केजरीवाल सरकार ने कोर्ट से रोक लगवाई और जब कूड़े के पहाड़ साफ करवाने चाहे तो भी केजरीवाल सरकार कोर्ट चली गई।
निगम और सरकार दोनों केजरीवाल के पास लेकिन दिल्ली में कोई काम नहीं हुआ
भाजपा नेता ने कहा कि निगम और सरकार दोनों अरविंद केजरीवाल के पास लेकिन दिल्ली की जनता के लिए कोई काम नहीं हो रहा है लेकिन हम दिल्लीवालों से वायदा करते हैं कि भाजपा की सरकार बनते ही दिल्ली के तीनों पहाड़ को तीन साल के अंदर ही हम खत्म करेंगे।
500 स्कूल का वायदा किया लेकिन 5 स्कूल नहीं बना पाए
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 500 स्कूल का वायदा किया लेकिन 5 स्कूल नहीं बना पाए, 20 कॉलेज का वायदा था लेकिन भाजपा की केन्द्र सरकार ने तीन कॉलेज का शिलान्यास किया है और एक यूनिवर्सिटी का एक कॉलेज कैंपस बनाकर तैयार कर दिया है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने एक भी कॉलेज या अस्पताल का शिलान्यास नहीं किया है।
केजरीवाल ने आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू नहीं की
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि भाजपा सरकार ने कई कार्य दिल्ली के लिए किए हैं। भाजपा की सरकार जो वायदा करती है , उसे पूरा करने का काम करती है। सरकार बनने के100 दिन के अंदर ही मोदी सरकार ने आय़ुष्मान योजना लागू कर दी लेकिन केजरीवाल की जनता से दुश्मनी के कारण यह दिल्ली में लागू नहीं है।