राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रामलला के चरणों में झुकाया शीश, सरयू आरती के साथ हनुमानगढ़ी के भी किए दर्शन, बोलीं दिव्य अनुभव को शब्दों में बाँधना संभव नहीं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Droupadi Murmu) ने बुधवार को अयोध्या (Ayodhya) में रामलला (Ramlala) के दर्शन किए। राष्ट्रपति ने सरयू आरती भी की। इससे पहले उन्होंने सरयू मैया का दुग्धाभिषेक कर पूजन किया। यहां उन्होंने 2100 बत्ती से आरती की। राष्ट्रपति बुधवार शाम करीब चार बजे महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर पहुंचीं। यहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने महामहिम राष्ट्रपति का फूल माला से भव्य स्वागत किया।

हनुमानगढ़ी में किया दर्शन-पूजन
एयरपोर्ट से राष्ट्रपति सीधे हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंची। वहां उन्होंने संकटमोचन हनुमान के श्रीचरणों में अपनी हाजिरी लगाई। हनुमान जी महाराज का दर्शन पूजन कर आरती की और मंदिर की परिक्रमा की। हनुमानगढ़ी दर्शन पूजन के बाद राष्ट्रपति ने सरयू तट स्थित साकेत होटल में विश्राम कर अल्पाहार किया। वहां से राष्ट्रपति सरयू आरती करने पहुंचीं। राष्ट्रपति ने करीब आधे घंटे तक सरयू का दर्शन पूजन और आरती की।

रामलला के चरणों में झुकाया शीश
राष्ट्रपति ने भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप विग्रह का विधि-विधान से दर्शन पूजन कर रामलला की आरती उतारी। श्रीराम का दीदार कर वे भावविभोर हो गईं। उनके स्वागत में मंदिर परिसर सहित पूरे गर्भगृह को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दर्शन करने के बाद एक्स पर कहा “अयोध्या में प्रभु श्रीराम के बाल-स्वरूप का दर्शन करने के दिव्य अनुभव को शब्दों में बाँधना मेरे लिए संभव नहीं है। राम केवट संवाद से लेकर प्रभु श्रीराम द्वारा माता शबरी के जूठे बेर खाने जैसे मर्मस्पर्शी प्रसंग बरबस याद आ रहे हैं। मैं भाव-विह्वल हूँ।”

द्रौपदी मुर्मु (Droupadi Murmu) ने यह भी कहा कि “यह मंदिर भारतीय संस्कृति और समाज के आदर्शों का ऐसा जीवंत प्रतीक है जो देशवासियों को सबके हित में कार्य करने की प्रेरणा देता रहेगा। देशवासियों के कल्याण के लिए प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करने का अवसर मुझे मिला, इसे मैं दैवी कृपा मानती हूँ। इस काल-खंड में हमारे राष्ट्र के समग्र विकास की यात्रा का साक्षी और सहभागी होना सौभाग्य की बात है। सियावर रामचन्द्र की जय!”

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