Laapataa Ladies in Oscar 2025: क्या फिल्म ‘लापता लेडीज’ को मिल पाएगी ऑस्कर की ट्रॉफी

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

आमिर खान (Aamir Khan), उनकी पूर्व पत्नी किरण राव (Kiran Rao) और जियो स्टूडियो (Jio Studios) द्वारा निर्मित फिल्म ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) इन दिनों काफी सुर्खियों में है। हाल ही में ‘फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (Film Federation of India) ने जब इस फिल्म को ऑस्कर पुरस्कार (Oscar Award 2025) में भेजने के लिए चुना तो फिल्म के पक्ष और विरोध में कई मत सामने आने लगे।

‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) अच्छी फिल्म है इसमें तो कोई संदेह नहीं। लेकिन ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) का जिन 29 फिल्मों में से चयन किया गया है उनमें कुछ ऐसी हैं, जिन्हें कुछ अर्थों में ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) से बेहतर कहा जा सकता है। जैसे ‘आर्टिकल 370’, ‘स्वातंत्र वीर सावरकर’, ‘अट्टम’, ‘कल्कि’, ‘श्रीकांत’। यहाँ तक ‘ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट’ (All We Imagine as Light) को लेकर तो संभावना और भी ज्यादा इसलिए बन रहीं थी कि इस फिल्म ने इस साल कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival 2024) में ग्रांड प्रीं (Grand Prix Award) जीतकर बरसों बाद इतिहास रचा है।

हालांकि फेडरेशन द्वारा ऑस्कर में भेजी फिल्म का विरोध अक्सर होता रहता है। ऐसे में कई बार कुछ फ़िल्मकार व्यक्तिगत रूप से भी सीधे अपनी फिल्म ऑस्कर में भेजते रहे हैं।

पहली बार 1957 में फिल्म ‘मदर इंडिया’ को ऑस्कर में भेजा था

भारत ने पहली बार 1957 में महबूब खान (Mehboob Khan) की शानदार फिल्म ‘मदर इंडिया’ (Mother India) को ऑस्कर में भेजा था। तब से अब तक 57 फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी जा चुकी हैं। यह बात अलग है कि 2024 तक हमारी किसी भी फीचर फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का ऑस्कर पुरस्कार (Oscar Award) नहीं मिला। यह बात निश्चय ही अखरती है कि विश्व में सर्वाधिक फिल्म बनाने वाला भारत, ऑस्कर में अपनी बड़ी जीत हासिल क्यों नहीं कर सका ?

ऑस्कर तो दूर इस पुरस्कार के लिए इतने बरसों में, हमारी मात्र तीन फिल्में ही अंतिम पाँच के लिए नामांकित हो सकी हैं। मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे और लगान।

अब तक कुल 8 भारतीय के हाथों में आई ऑस्कर की ट्रॉफी

हाँ यह गनीमत है कि कोई भारतीय फिल्म चाहे सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ऑस्कर नहीं जीत सकी। लेकिन अभी तक कुल 8 भारतीय व्यक्तियों के हाथों में ऑस्कर की ट्रॉफी पहुँच चुकी है। जिनमें 1983 में सबसे पहले सर्वश्रेष्ठ वेषभूषा का ऑस्कर, रिचर्ड एटनबरो की फिल्म ‘गांधी’ (Gandhi) के लिए भानु अथइया (Bhanu Athaiya) को मिला। इसके बाद दिग्गज फिल्मकार सत्यजित राय (Satyajit Ray) को अपनी जीवन पर्यंत उपलब्धियों के लिए 1992 में ऑस्कर प्रदान किया गया।

ऑस्कर में भारत को एक बड़ी सफलता सन 2009 में मिली

ऑस्कर (Oscar Award) में एक बड़ी सफलता 2009 में मिली। जब फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ (Slumdog Millionaire) के गीत ‘जय हो’ (Jai Ho) के लिए गीतकार गुलज़ार (Gulzar) और संगीतकार एआर रहमान (A. R. Rahman) के साथ ध्वनि मिश्रण के लिए रसूल पुकुट्टी (Resul Pookutty) को ऑस्कर सम्मान मिला।

सन 2023 में भारत को पहली बार किसी भारतीय फिल्म के लिए ऑस्कर मिला

लेकिन सन 2023 में भारत को पहली बार किसी भारतीय फिल्म के लिए ऑस्कर पाने का मौका मिला, फिल्म ‘आरआरआर’ (RRR) के गीत ‘नाटू नाटू’ (Naatu Naatu) के लिए गीतकार चंद्रबेस (Chandrabose) और संगीतकार एमएम किरवानी (M. M. Keeravani) को। साथ ही सर्वश्रेष्ठ वृत्त चित्र ‘द एलिफेंट व्हिसपर्स’ (The Elephant Whisperers) के लिए निर्देशक कार्तिकी गोंसाल्वेस  (Kartiki Gonsalves) और निर्मात्री गुनित मोंगा (Guneet Monga) को।

2 मार्च 2025 को 97 वां ऑस्कर पुरस्कार समारोह होगा

अब ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) कोई ऑस्कर जीत पाती है या नहीं इसका पता 2 मार्च 2025 को तब लगेगा जिस दिन 97 वां ऑस्कर पुरस्कार (97th Oscar Award) समारोह आयोजित होगा। वहाँ तक भी यह फिल्म तब पहुँचेंगी जब 17 जनवरी को अंतिम 5 फिल्मों में ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) का नामांकन हो जाता है।

कैसी है फिल्म लापता लेडीज

बिप्लव गोस्वामी (Biplav Goswami) की कहानी ‘टू ब्राइड्स’ (2 Brides) पर बनी ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) दो ऐसी नव विवाहित दुल्हन की व्यथा कथा है, जिनकी ससुराल जाते समय रेल में अदला बदली हो जाती है। लेकिन इस लीक से हटकर कहानी के माध्यम से फिल्म में बेटी पढ़ाओ और महिलाओं की समस्याओं से महिलाओं के सपनों और ग्रामीण परिवेश, खेती बाड़ी और रीति रिवाजों तक बहुत कुछ दिखा दिया गया है।

सही मायनों में ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) महिला सशक्तिकरण पर बनी एक खूबसूरत फिल्म है। फिल्म का कुशल निर्देशन किरण राव (Kiran Rao) ने किया है। फिल्म में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव, छाया कदम, गीता अग्रवाल, सतेन्द्र सोनी और रवि किशन का अभिनय भी शानदार है। अब सभी की निगाहें इसी बात पर रहेगी कि क्या ‘लापता लेडीज’ (Laapataa Ladies) को ऑस्कर पुरस्कार मिल पाएगा या नहीं।

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