हमें पुरानी रीतियों को बदलना होगा : प्रधानमंत्री

देहरादून । प्रधानमंत्री ने स्वावलंबी भारत अभियान के तहत उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार में सक्षम बनाने के संबंध में कहा कि उत्तराखंड की इस रीति की कि पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नही आती, हमें इस परम्परा को बदलना होगा। हमें सशक्त भारत में समृद्ध उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करना होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अखिल भारतीय कार्यक्रम के राष्ट्रीय उद्यमिता सम्मेलन के तहत उत्तराखंड के युवाओं से कहा कि देवभूमि के युवा साथियों को रोजगार मेले के आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाई। जिनको आज रोजगार मिल रहे हैं, उनको आज निश्चित रूप से नई शुरूआत का अवसर है। आपका जीवन, आपके परिवार का जीवन बदलने वाला है। यह व्यापक बदलाव का माध्यम है लेकिन हमें यह भी ध्यान देना होगा कि हम परिश्रम पूर्वक काम करते हुए पूरे देश की व्यवस्था को और सुदृढ़ करें। यह रोजगार व्यापक बदलाव का माध्यम बने। उन्होंने कहा कि हम सब उत्तराखंड के लोगों की सेवा करें ताकि हमारा देश और प्रदेश समृद्धशली हो।

इस अभियान का आयोजन नई दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के विभिन्न प्रांतों से 1500 से भी ज्यादा अधिकारी और कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। इस आयोजन में स्वदेशी जागरण मंच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं इसके अनुषांगिक संगठनों के विभिन्न अखिल भारतीय अधिकारियों ने सुबह 9 बजे से सायं 8 बजे तक सभी टेक्निकल सेशन्स में स्वरोजगार और उद्यमिता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं गईं।

उत्तराखंड स्वावलंबी भारत अभियान टीम की ओर से उत्तराखंड प्रांत के संयोजक सुरेंद्र सिंह, प्रांत समन्वयक दरबान सिंह, प्रांत महिला समन्वयक प्रीति शुक्ला, प्रांत महिला सह समन्वयक डॉक्टर दिव्या नेगी घई, जिला संयोजक संदीप श्रीवास्तव, प्रिंस यादव एवं कई अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए और उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया।

कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार ही एकमात्र उपाय है, जब तक हमारा युवा नौकरियों के पीछे भागना छोड़कर अपने आसपास रोजगार के अवसर नही तलाश करेगा, तब तक न तो पलायन रुकेगा और ना ही बेरोजगारी की समस्याओं का समाधान निकलेगा। उत्तराखंड के पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हम उत्तराखंड के अंदर बड़ी बड़ी इंडस्ट्रीज एवं फैक्ट्रियां नहीं लगा सकते,लेकिन छोटे-छोटे लघु एवं कुटीर उद्योग के माध्यम से हम लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। उत्तराखंड में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे सकते हैं।

महिला सशक्तिकरण को भी हम लघु एवं कुटीर उद्योग के माध्यम से बढ़ावा दे सकते हैं। आने वाले कुछ सालों में हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन यह तभी संभव है जब पुरुष और महिलाएं सब समान रूप से एक साथ आगे बढ़े। रोजगार का सृजन करें और नौकरी ढूंढने के बजाय नौकरी देने लायक बनें। इस की प्रबल संभावना तब और बन जाती है , जब हमारी अर्थव्यवस्था में हर हाथ में एक प्रमुख कौशल हो और कार्य करने की क्षमता हो।

स्वावलंबी भारत अभियान के तहत उत्तराखंड में कौशल विकास के क्षेत्र में अनेकों काम किए जा रहे हैं। उत्तराखंड के महिलाओं और पुरुषों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है और उनमें से काफी लोग अपना स्वरोजगार प्रारंभ कर चुके हैं।

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