आज का पंचांग: रक्षा बंधन के दिन लक्ष्मी पूजा का भी है विशेष महत्व, राखी के सही समय के साथ जानिए कौन से 12 मंत्र दरिद्रता और आर्थिक संकट कर सकते हैं दूर

🌤️  दिनांक – 30 अगस्त 2023

🌤️ दिन – बुधवार

🌤️ विक्रम संवत – 2080

🌤️ शक संवत -1945

🌤️ अयन – दक्षिणायन

🌤️ ऋतु – शरद ॠतु

🌤️ मास – श्रावण

🌤️ पक्ष – शुक्ल

🌤️ तिथि – चतुर्दशी सुबह 10:58 तक तत्पश्चात पूर्णिमा

🌤️ नक्षत्र – धनिष्ठा रात्रि 08:47 तक तत्पश्चात शतभिषा

🌤️ योग – अतिगण्ड रात्रि 09:33 तक तत्पश्चात सुकर्मा

🌤️ राहुकाल – दिल्ली समयानुसार दोपहर 12:21 से दोपहर 01:57 तक

🌞 सूर्योदय-05:57

🌤️ सूर्यास्त- 18:45

दिल्ली समयानुसार

👉 दिशाशूल- उत्तर दिशा में

🚩 व्रत पर्व विवरण – राखी पूर्णिमा, नारियली-श्रावणी पूर्णिमा, रक्षाबंधन, हयग्रीव जयंती

रक्षा बंधन के लिए कौन सा समय है उत्तम

रक्षा बंधन मनाने को लेकर पिछले दिनों से विभिन्न मत चल रहे हैं। यूं बहन अपने भाई को अच्छे हृदय और अच्छी भावना से किसी भी समय राखी बांधे  वह शुभ ही है। हाँ रक्षा बंधन मनाने का महत्व और परंपरा श्रावण पूर्णिमा के दिन की है। साथ ही भद्रा काल में कोई शुभ कार्य और रक्षा बंधन मनाना वर्जित भी कहा गया है।

इसलिए श्रावण पूर्णिमा में आज भद्रा काल सुबह 30 अगस्त बुधवार सुबह 10.58 से शुरू होकर रात 9 बजकर एक मिनट तक रहेगा।

इसीलिए 30 अगस्त रात 9 बजकर 2 मिनट से 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक किसी भी समय राखी बंधवाना अत्यंत शुभ और श्रेयसकर है। यह समय श्रावण पूर्णिमा का वह समय है जब भद्रा का साया नहीं है।   

🙏🏻रक्षा बंधन के दिन बहन भैया के ललाट पर तिलक-अक्षत लगाकर संकल्प करती है कि मेरा भाई स्वस्थ रहे, सम्पन्न रहे और दीर्घ आयु हो। साथ ही भाई और बहन के संबंध सदा मधुर बने रहें। भाई उसके दुख सुख में भी उसके साथ मजबूती से खड़ा रहे।

🙏🏻 मान्यता है इस पर्व पर भाई की कलाई पर बहन द्वारा बांधा धागा रक्षा कवच का काम करता है। साथ ही बहन-भाई के परस्पर प्रेम और सम्बन्धों में भी बढ़ोतरी होती है।

🙏🏻 रक्षाबंधन के पर्व पर जहां बहन भाई को उसकी लंबी आयु, और आरोग्य की कामना तथा भावना से राखी बाँधती है। वहाँ अपना उद्देश्य ऊँचा बनाने का संकल्प लेकर ब्राह्मण लोग जनेऊ भी बदलते हैं।

🙏🏻 समुद्र का तूफानी स्वभाव श्रावणी पूनम के बाद शांत होने लगता है। इससे जो समुद्री व्यापार करते हैं, वे नारियल फोड़ते हैं।

🌷 श्रावण पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व

🙏🏻 स्कंद पुराण में पौष मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की और सावन महीने की पूनम (श्रावणी पूनम- 30 अगस्त 2023 बुधवार) के दिन लक्ष्मी पूजा का भी विशेष महत्व है।

इन दिनों अगर कोई आर्थिक कष्ट से जूझ रहा है | घर में पैसों की बहुत तंगी है, तो 12 मंत्र लक्ष्मी माता के बोलकर, शांत बैठकर मानसिक पूजा करें और उनको नमन करें तो उसको भगवती लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, लाभ होता है, घर में लक्ष्मी स्थायी हो जाती है| उसके घर से आर्थिक समस्याएं धीरे धीरे किनारा करती हैं |

बारह मंत्र इस प्रकार हैं

🌷  ॐ ऐश्‍वर्यै नम:

🌷 ॐ कमलायै नम:

🌷 ॐ लक्ष्मयै नम:

🌷 ॐ चलायै नम:

🌷 ॐ भुत्यै नम:

🌷 ॐ हरिप्रियायै नम:

🌷 ॐ पद्मायै नम:

🌷 ॐ पद्माल्यायै नम:

🌷 ॐ संपत्यै नम:

🌷 ॐ ऊच्चयै नम:

🌷 ॐ श्रीयै नम:

🌷 ॐ पद्मधारिन्यै नम:

🙏🏻 सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि | मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते ||

द्वादश एतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय पठेत | स्थिरा लक्ष्मीर्भवेतस्य पुत्रदाराबिभिस: ||

🙏🏻 उसके घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है | जो इन बारह नामों को इन दिनों में पठन करता है|

याद रहे आज से पंचक भी शुरू हो रहे हैं। जिनके 5 दिन का कार्यकाल निम्न प्रकार है  

पंचक प्रारंभ : बुधवार, 30 अगस्त 2023 पूर्वाह्न 10:19 बजे से

पंचक समाप्त: रविवार, 03 सितंबर 2023 पूर्वाह्न 10:38 बजे तक

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई

अंक ज्योतिष के अनुसार 30 को जन्मे व्यक्तियों का मूलांक 3 होता है।  यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी।

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

शुभ अंक : 1, 3, 6,7, 9,

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

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