असम में 2024 तक कोई उग्रवादी समूह नहीं रह जाएगा, आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों का भी होगा पुनर्वास
गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में गुरुवार 27 अप्रैल को नई दिल्ली में केंद्र सरकार, असम सरकार और दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल के प्रतिनिधियों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता 2024 तक पूर्वोत्तर को उग्रवाद मुक्त बनाने और एक शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले में उग्रवाद को पूर्ण रूप से समाप्त कर देगा।
नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस समझौते के बाद असम में कोई उग्रवादी समूह नहीं रह जाएगा।
इस समझौते में आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा किए जाने वाले आवश्यक उपायों का प्रावधान है। इस उद्देश्य के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा एक हजार करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज भी प्रदान किया जाएगा।