देवेंद्र कुमार और गौरव पांडे सहित 24 साहित्यकारों को साहित्य अकादेमी बाल साहित्य और 23 को युवा लेखक पुरस्कार

प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ लेखक, पत्रकार एवं समीक्षक

हिन्दी  के वरिष्ठ साहित्यकार देवेन्द्र कुमार (Devendra Kumar) को उनकी पुस्तक ’51 बाल कहानियाँ’ के लिए साहित्य अकादेमी का बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।  साथ ही युवा लेखक गौरव पाण्डेय (Gaurav Pandey) को उनके काव्य संग्रह  ‘स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी’ के लिए साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में, गुजरात में आयोजित, अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में, शनिवार 15 जून को बाल साहित्य पुरस्कार 2024 और युवा पुरस्कार 2024  की घोषणा की गई । मंडल द्वारा 24 बाल साहित्यकारों एवं 23 युवा लेखकों की पुस्तकों के लिए पुरस्कार 2024 अनुमोदित किए गए।

ये सभी पुरस्कार  जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के पाँच वर्षों के दौरान बीच प्रकाशित पुस्तकों को दिये गए हैं।

निर्णायक मंडल के  कुल 144 सदस्यों ने किया इन पुरस्कारों का चयन 

प्रत्येक भाषा की पुस्तकों को त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा चयन किया गया। हालांकि  संस्कृत भाषा का युवा पुरस्कार बाद में घोषित किया जाएगा। बाल साहित्य की हिन्दी भाषा के निर्णायक मंडल में देवेंद्र मेवारी, एकांत श्रीवास्तव और प्रकाश मनु थे। तो डोगरी भाषा के लिए डॉ ज्ञान सिंह, कृष्ण शर्मा और प्रो राधा रानी। फिर गुजराती भाषा के लिए डॉ रक्षाबेन प्रह्लादराव दवे, हरेष ढोलकिया, और कुमारपाल देसाई।

जबकि अँग्रेजी भाषा के पुरस्कारों का चयन प्रो उज्ज्वल जाना, प्रो सुमन्यु सत्पथी और प्रो स्मिता अग्रवाल और मैथिली भाषा के लिए अमलेंदु शेखर, डॉ मन्त्रेश्वर झा और विवेकानंद ठाकुर।  ऐसे ही राजस्थानी भाषा की चयन समिति में डॉ मँगत बादल, अनुराग हर्ष और और डॉ रेणुका व्यास ‘नीलम’ ने यह जिम्मेदारी निभाई। साथ ही मराठी भाषा के पुरस्कारों का चयन राजीव तांबे , विजय प्रभाकर नगरकर और विनोद शिरसथ ने किया।

हालांकि सभी भाषाओं के दोनों पुरस्कारों के निर्णायक मंडल में कुल 144 नाम हैं। इसलिए सभी के नाम देना संभव नहीं। हाँ इधर युवा पुरस्कारों में हिन्दी भाषा के निर्णायक मंडल में प्रो चितरंजन मिश्रा, प्रो लालचंद गुप्त मंगल और सुधांशु गुप्त थे।

दोनों पुरस्कारों के लिए पुरस्कार स्वरूप एक ताम्रफलक और 50 हज़ार रुपए की सम्मान राशि, प्रदान की जाएगी।

देवेन्द्र कुमार और गौरव पाण्डेय ने आभार जताया 

हिन्दी भाषा के लिए देवेन्द्र कुमार (Devendra Kumar) को बाल साहित्य पुरस्कार मिलने पर जब मैंने उन्हें बधाई दी तो वह चौंके कि बधाई किस लिए ? जब मैंने  उन्हें बताया कि उन्हें उनकी पुस्तक ’51 बाल कहानियाँ’ के लिए साहित्य अकादेमी का बाल साहित्य पुरस्कार मिला है तो उन्होंने आश्चर्य के साथ प्रसन्नता व्यक्त की। वह बोले- मुझे अभी इसकी सूचना नहीं मिली। लेकिन अब आपने बताया है तो मैं साहित्य अकादेमी के साथ आपका भी आभार व्यक्त करता हूँ।”

बता दें देवेंद्र कुमार (Devendra Kumar) सुप्रसिद्द बाल पत्रिका ‘नन्दन’ से 1971 से जुड़े रहे। इस दौरान ‘नन्दन’ में  तो वह विभिन्न संपादकीय भूमिकाओं में  रहे ही। साथ ही उनका लेखन ‘नन्दन’ से सेवा निवृत होने के बाद भी जारी रहा। हालांकि उन्हें दुख है कि जिस  ‘नन्दन’  पत्रिका की उनके समय में प्रसार संख्या 3 लाख से अधिक थी, अब वह बंद हो गयी है।

उधर युवा कवि  गौरव पाण्डेय (Gaurav Pandey) ने भी अपनी बातचीत में पुरस्कार के लिए आभार जताया। गौरव पाण्डेय का यह दूसरा काव्य संग्रह है। उनका पहला काव्य संग्रह ‘धरती भी एक चिड़िया है’ (2021) को  साहित्य अकादेमी ने ही प्रकाशित किया था।  जिसे अच्छी ख़ासी प्रशंसा मिली थी।

साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार उन लेखकों की कृति को देती है, जिनकी आयु पुरस्कार वर्ष में 35 बरस से कम हो।

किन साहित्यकारों को मिला है पुरस्कार

हिंदी के लिए युवा पुरस्कार गौरव पाण्डेय (Gaurav Pandey) के कविता संग्रह ‘स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी’ को प्रदान किया गया है। अंग्रेज़ी के लिए के. वैशाली की पुस्तक होमलेस ग्रोइंग अप लेसबियन एंड डिस्लेक्सिक इन इंडिया, पंजाबी के लिए रणधीर के कविता-संग्रह ख़त जो लिखणो रह गए तथा उर्दू के लिए जावेद अंबर मिस्बाही के कहानी-संग्रह स्टेपनी को युवा साहित्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।

हिंदी में बाल साहित्य के लिए देवेन्द्र कुमार (Devendra Kumar) की पुस्तक इक्यावन बाल कहानियां, अंग्रेज़ी में नंदिनी सेनगुप्ता की पुस्तक द ब्लू हॉर्स एंड अदर अमेज़िंग एनिमलस स्टोरीज़ फ्रॉम इंडियन हिस्ट्री , पंजाबी के लिए कुलदीप सिंह दीप के नाटक मैं जलियांवाला बाग बोलदा हां एवं उर्दू के लिए शम्सुल इस्लाम फ़ारूक़ी के कहानी संग्रह बर्फ़ का देस अंटार्कटिका को पुरस्कृत किया गया है।

युवा पुरस्कार 2024 प्राप्त अन्य लेखक हैं- असमिया भाषा के नयनज्योति शर्मा, जाल कोटा जुई (कहानी-संग्रह), बाङ्ला – सुतपा चक्रवर्ती, देराजे हालुद फुल, गताजन्मा (कविता-संग्रह), बोडो- सेल्फ् मेइड् राणी बर’, साइख्लुम (कहानी-संग्रह), डोगरी- हीना चौधरी, इक रंग तेरे रंगें चा (कविता-संग्रह),  गुजराती- रिंकु राठोड़ ‘शर्वरी’, ….तो तमे राजी? (कविता-संग्रह)

इसी प्रकार कन्नड भाषा में – श्रुति बी. आर.,ज़ीरो बैलेंस (कविता-संग्रह), कश्मीरी- मो. अशरफ़ ज़िया, ऐन बदस (समालोचना एवं शोधालेख), कोंकणी – अद्वैत चंद्रकांत साळगांवकार,पेडण्याचा सामारां (निबंध-संग्रह), मैथिली – रिंकी झा ऋषिका, नदी घाटी सभ्यता (कविता-संग्रह), मलयाळम्- श्यामकृष्णन आर., मीशाक्कल्लन (कहानी-संग्रह), मणिपुरी- वाइखोम चिंगखेइंगनबा, अशिबा तूरेल (कविता-संग्रह), मराठी- देवीदास सौदागर, उसवण (उपन्यास), नेपाली- सूरज चापागाईं, क्यानभासको क्षितिज (कविता-संग्रह), ओडिआ- संजय पांडा,हु बाइआ (कहानी-संग्रह), राजस्थानी- सोनाली सुथार,सुध सोधूं जग आंगणै (कविता-संग्रह), संताली- अंजन करमाकर, जंगबहा (कविता-संग्रह), सिंधी – गीता प्रदीप रुपाणी, पेपर पर्या (लेख-संग्रह),तमिऴ – लोकेश रघुरामन,विष्णु वंधार (कहानी-संग्रह), तेलुगु- रमेश कार्तिक नायक, धावळो (कहानी-संग्रह)।

बाल साहित्य पुरस्कार 2024 प्राप्त अन्य साहित्यकार हैं- असमिया में रंजू हजारिका, बिपोन्ना बिस्मोई खेल (उपन्यास), बाङ्ला दीपन्विता रॉय, महिदादुर एनटिडोट (उपन्यास), बोडो- भार्जिन जेक’भा मोसाहारी, बुहुमा बयनिबो (कविता-संग्रह), डोगरी- बिशन सिंह ‘दर्दी’, कुक्कडू-कडूं (कविता-संग्रह), गुजराती- गिरा पिनाकीन भट्ट, हसती हवेली (कहानी-संग्रह), कन्नड – कृष्णमूर्ति बिळिगेरे, छूमंत्राय्यना कथेगळु (कहानी-संग्रह)।

इसी प्रकार कश्मीरी- मुज़फ़्फ़र हुसैन दिलबर, सोन् गोब्रेयो (कविता-संग्रह), कोंकणी- हर्षा सद्गुरू शेटये, एक आशिल्लें बायूल (उपन्यास), मैथिली- नारायणजी, अनार (कहानी-संग्रह), मलयाळम् -उन्नी अम्मायंबळम,अल्गोरिथांगाळुडे नाडु (उपन्यास), मणिपुरी क्षेत्रीमायुम सुबदानि, मालेम अतिया (उपन्यास), मराठी- भारत सासणे,समशेर आणि भूतबंगला (उपन्यास), नेपाली- वसन्त थापा,देश र फुच्चे(कविता-संग्रह), ओड़िआ- मानस रंजन सामल, गप कलिका (कहानी-संग्रह)।

तो वहीं राजस्थानी भाषा में प्रहलाद सिंह ‘झोरड़ा’, म्हारी ढाणी (कविता-संग्रह),संस्कृत- हर्षदेव माधव, बुभुक्षित: काक: (कहानी-संग्रह), संताली- दुगई टुडू, मिरु आरंग (कविता-संग्रह), सिंधी- लाल होटचंदाणी ‘लाचार’, दोस्तां जी दोस्ती (कहानी-संग्रह), तमिऴ- युमा वासुकि, थानवियिन पिरान्थनाल (कहानी-संग्रह) और तेलुगु में पी. चन्द्रशेखर आज़ाद, माया लोकम् (उपन्यास)।

क्या कहते हैं अध्यक्ष माधव कौशिक

इन पुरस्कारों को लेकर मैंने साहित्य अकादेमी (Sahitya Akademi) के अध्यक्ष माधव कौशिक (Madhav Kaushik) से बात की तो उन्होंने बताया – पूर्व वर्षों  की भांति इस वर्ष भी बाल साहित्य और युवा लेखक पुरस्कारों की घोषणा हमने साथ की है। पुरस्कार चयन में इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि लेखकों की श्रेष्ठ कृतियों के साथ पूरी तरह न्याय हो। जो सर्वश्रेष्ठ हैं उनका चयन हो। संस्कृत भाषा में युवा लेखन पुरस्कार का चयन अभी नहीं हो सका है। लेकिन उसका निर्णय भी जल्द हो जाएगा। बाल साहित्यकार पुरस्कार नवंबर में आयोजित समारोह में प्रदान किए जाएँगे। जबकि युवा पुरस्कार समारोह का आयोजन दिसंबर-जनवरी  में करने की योजना है।”

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