Ramayan: दूरदर्शन पर अब फिर से देखिये रामानन्द सागर की ‘रामायण’, क्या अब फिर घर-घर गूँजेंगा राम का नाम

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

जब फ़िल्मकार रामानन्द सागर (Ramanand Sagar) ने 1986 में ‘रामायण’ सीरियल (Ramayan Serial) का निर्माण शुरू किया था, तब उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा कि यह इतनी अधिक सफल होगी। लेकिन ‘रामायण’ (Ramayan) अपने जनवरी 1987 के पहले प्रदर्शन से जिस तरह सफलता के नित आयाम बनाती जा रही है वह अद्धभुत है। या कहें यह सब रामानन्द सागर (Ramanand Sagar) और उनके परिवार पर राम जी की कृपा है।

अब देखिए ना दूरदर्शन (Doordarshan) अपने नेशनल चैनल (DD National) पर ‘रामायण’ (Ramayan) एक बार फिर दिखाने जा रहा है। जिसका प्रसारण 5 फरवरी से प्रतिदिन शाम 6 बजे होगा। साथ ही अगले दिन दोपहर 12 बजे उसी एपिसोड का पुनर्प्रसारण होगा।

इससे पहले कोरोना काल में ‘रामायण’ (Ramayan) के 33 साल बाद हुए दूरदर्शन (Doordarshan) प्रसारण ने टीआरपी का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इधर अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) बनने के बाद तो सनातन धर्मियों के रोम रोम में राम हो गए हैं। पूरे देश में राम राम की गूंज है। इसीलिए दूरदर्शन (Doordarshan) ने सागर की ‘रामायण’ (Ramayan) को फिर से दिखाने का फैसला लिया है।

जबकि सागर (Ramanand Sagar) की रामायण (Ramayan) के बाद विभिन्न टीवी चैनल्स ने रामायण (Ramayan) पर और भी सीरियल का प्रसारण किया। लेकिन दूरदर्शन (Doordarshan) की इस पुरानी रामायण (Ramayan) के सामने सभी फीके से लगते हैं।

जबकि 37 बरस पहले सागर (Ramanand Sagar) ने ‘रामायण’ (Ramayan) बनाई थी तो तकनीक बहुत पीछे थी। यहाँ तक दूरदर्शन (Doordarshan) में कुछ बड़े लोग नहीं चाहते थे कि ‘रामायण’ (Ramayan) के रूप में हिन्दू धर्म और संस्कृति का गुणगान हो। लेकिन इसके पायलट एपिसोड पर विभिन्न आपत्ति दर्ज कर इसे रोका जाता रहा।

लेकिन जब इसका प्रसारण शुरू हुआ तो सागर (Ramanand Sagar) की पटकथा निर्देशन, कलाकारों के अभिनय और रवीन्द्र जैन (Ravindra Jain) के संगीत ने ‘रामायण’ सीरियल (Ramayan Serial) को बेहद खूबसूरत बना दिया। तभी आज भी इसका जादू बरकरार है।

अरुण गोविल (Arun Govil), दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhlia) और सुनील लहरी (Sunil Lahri) जैसे कलाकार आज भी राम, सीता और लक्ष्मण के रूप में देखे जाते हैं। दारा सिंह (Dara Singh) और अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi) मरणोपरांत भी हनुमान और रावण की छवि में अमर हो गए हैं।

दूरदर्शन महानिदेशक (Doordarshan DG) कंचन प्रसाद (Kanchan Prasad) ने कहा “हम सभी दर्शकों को इस महाकाव्य यात्रा के पुन: प्रसारण में शामिल होने और इस असाधारण गाथा को एक नए दृष्टिकोण से देखने के लिए आमंत्रित करते हैं।“

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