Satsang Gyan Ganga: ‘सत्संग ज्ञान गंगा’ का न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने किया विमोचन

  • कृतार्थ सरदाना 

संवाददाता एवं मुख्य उप संपादक

न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल (Justice Sudhir Agarwal) वह हस्ती हैं, जिनका नाम न्याय व्यवस्था के स्वर्णिम पृष्ठों पर अंकित हो चुका है। क्योंकि इलाहबाद उच्च न्यायालय के जज रहते हुए इन्होंने ही श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला दिया था। उसी के बाद इस केस ने आगे बढ़ कर राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के रास्ते खोल दिये।

इधर अब सुधीर अग्रवाल (Sudhir Agarwal) जहां राष्ट्रीय हरित अधिकरण के न्यायिक सदस्य हैं। वहाँ धर्म और भगवान राम से जुड़े काम-काज में जुड़ने के लिए भी वह उत्साहित रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक ऐसी धार्मिक पुस्तक ‘सत्संग ज्ञान गंगा’ (Satsang Gyan Ganga) का विमोचन किया जो धर्म को लेकर बहुत कुछ समझाती है। इस खास मौके पर वरिष्ठ पत्रकार, संपादक एवं  कला और फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना (Pradeep Sardana) भी न्यायमूर्ति अग्रवाल के साथ मौजूद थे।

वरिष्ठ पत्रकार, संपादक प्रदीप सरदाना और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल

इस पुस्तक का प्रकाशन ‘श्री हरी संकीर्तन महिला समिति’ (Shri Hari Sankirtan Mahila Samiti) दिल्ली ने किया है। जबकि इसकी संपादक हैं वनीता शर्मा (Vanita Sharma)।

आकर्षक और उपयोगी है पुस्तक

यह पुस्तक इतनी आकर्षक और उपयोगी है कि धर्म कर्म में रुचि रखने वालों को धर्म से संबन्धित कई नए ज्ञान सुगमता से प्राप्त हो सकते हैं। जिसमें एक ओर श्री कृष्ण (Shri Krishna) कथा के साथ श्रीकृष्ण पद चिह्न की अहम जानकारी दी गयी है। वहाँ श्रीमद भगवत गीता (Shrimad Bhagwat Gita) के 38 अनमोल वचन, सत्संग का अर्थ क्या है, आखिर क्या है रामायण, शिवलिंग पर शंख से जल क्यों नहीं चढ़ाते, गोपी चंदन का महत्व, भगवान विष्णु के 24 अवतार, उगते सूर्य को जल क्यों चढ़ाते हैं, पूजा के समय सिर ढकना जरूरी क्यों है, आचरण मात्र से शांत हो सकते हैं ग्रह और भगवान के प्रिय भोग जैसे अध्याय विभिन्न धार्मिक विषयों को लेकर बहुत कुछ कहते हैं।

इस सबके साथ इस पुस्तक में श्री गणेश वंदना, राम विवाह, भगवान राम का हनुमान को दिव्य संदेश, शिवाष्टक, राधा चालीसा सहित विभिन्न स्तुतियाँ और कई भजन और आरतियों का संग्रह भी है। पुस्तक विमोचन के समय न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने पुस्तक और इसकी संपादक वनीता शर्मा की प्रशंसा करने के साथ अपने कुछ अनुभव भी साझा किए।

न्यायधीश सुधीर अग्रवाल ने कहा-‘’इस पुस्तक के माध्यम से जहां ज्ञान गंगा मिलती है वहाँ यह पुस्तक समाज को जोड़ने और परस्पर सदभाव बढ़ाने का कार्य भी करती है।‘’ पुस्तक का विमोचन विवेक विहार, दिल्ली स्थित प्रसिद्द और भव्य राम मंदिर में किया गया।

इलाहबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्याधीश सुधीर अग्रवाल देश, धर्म और समाज के लिए इतना बड़ा कार्य करने के बाद एक विनम्र और सज्जन पुरुष हैं। उन्होंने  इस दौरान अपने  जीवन पर बनने वाली फिल्म को लेकर संपादक प्रदीप सरदाना के साथ कुछ बातें साझा कीं। उनकी यह फिल्म सितंबर में प्रदर्शित करने की योजना है।

सनातन के ज्ञान प्रदान और प्रचार-प्रसार में पुस्तक की अहम भूमिका

‘सत्संग ज्ञान गंगा’ की एक विशेष प्रति संपादिका वनीता शर्मा और ‘श्री हरी संकीर्तन महिला समिति’ की प्रधान पुष्पा थरेजा ने वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सरदाना को भेंट की। श्री सरदाना ने पुस्तक का अवलोकन करने के पश्चात वनीता शर्मा को पुस्तक के अच्छे सम्पादन, पुष्पा थरेजा को इसके अच्छे प्रकाशन और संजीव शर्मा (Sanjiv Sharma) को अच्छे आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा-” यह पुस्तक आज  के युग में  सनातन धर्म का  ज्ञान  प्रदान करने के साथ सनातन के प्रचार-प्रसार में भी अहम भूमिका निभा सकती है।”

पुस्तक के सफल प्रकाशन और विमोचन समारोह को लेकर ‘श्री हरी संकीर्तन महिला समिति’ की सुदेश सचदेवा, हेमा तलवार, नीना सबरवाल और विनीता कालरा सहित समिति की अन्य पदाधिकारी भी काफी प्रसन्न दिखीं।

कई गणमान्य व्यक्ति रहे मौजूद

उस दिन तीज उत्सव भी था इसलिए अधिकतर महिलाएं हरे रंग के वस्त्रों में सज धज के इस विशेष समारोह में पहुंची थीं। समारोह की तमाम व्यवस्थाएं संभालने के साथ कार्यक्रम का खूबसूरती से संचालन संजीव शर्मा ने किया। जबकि कार्यक्रम में जाने माने गीतकार विनोद शर्मा, समाज सेवी पी सी गुप्ता, प्रसिद्ध पत्रकार राजीव निशाना, चार्टेड आकाउंटेंट वंश शर्मा, टाइम डिजिटल के प्रमुख पवन सोबती, राम मंदिर समिति के महासचिव कैलाश क्वात्रा और मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित जनार्दन सहित क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

भविष्य में भी जारी रहेगा ऐसी पुस्तकों का प्रकाशन

वनीता शर्मा बताती हैं-‘’ प्रभु कृपा से पुस्तक का यह एक अच्छा कार्य हो गया। लेकिन अभी यह प्रथम पुष्प है। हम जल्द ही इस प्रकार की और भी पुस्तकों का प्रकाशन करेंगे।‘’

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