Happy Birthday Jaya Prada: आज भी बरकरार है जया प्रदा का जादू, 12 साल की उम्र में की थी पहली फिल्म, जिसके लिए मिले थे 10 रुपए

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक

जया प्रदा (Jaya Prada) भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) की एक ऐसी शानदार अभिनेत्री रही हैं, जिनका अभिनय ही नहीं अंदाज़ भी सिर चढ़कर बोलता रहा है। सन 1980 और 1990 के दशक में तो जया प्रदा की गिनती शिखर की पाँच सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में होती रही। लेकिन जब 1994 में वह राजनीति में आईं तो उनका फिल्म करियर पीछे रह गया। यदि जया राजनीति में ना आतीं तो निश्चय ही उनका फिल्म करियर आज और भी बड़े इतिहास रचता।

जया प्रदा हाल ही में रीना राय (Reena Roy) के साथ सोनी चैनल (Sony Channel) के ‘इंडियन आइडल’ (Indian Idol) शो में आयीं तो एक बार फिर से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया। जया आज भी बेहद खूबसूरत हैं, साथ भी फिट भी। ‘इंडियन आइडल’ के सेट पर भी जब जया प्रदा ने ‘मुझे नौ लाखा मंगा दे’ जैसे गीतों पर अपने नृत्य की अदाएं दिखाईं तो रीना राय बोल पड़ीं –‘’लगता है इस लड़की के लिए कोई लड़का देखना पड़ेगा।‘’

आज 3 अप्रैल को जया प्रदा अपना 61 वां जन्म दिन मना रही हैं। असल में 61 साल की होने पर भी जया प्रदा की खूबसूरती और अदाओं का जवाब नहीं। मुझे याद है 1978 में जया प्रदा की पहली हिन्दी फिल्म ‘सरगम’ देखने के बाद मैंने उन पर जो लेख लिखा था उसका शीर्षक था- एक नयी अदा-जया प्रदा। जया ‘सरगम’ से पहले दक्षिण की कई फिल्मों में काम करके वहाँ की स्टार बन चुकी थीं। लेकिन हिन्दी सिनेमा के दर्शक उनके नाम और काम से तभी परिचित हुए जब उनकी हिन्दी फिल्म ‘सरगम’ प्रदर्शित हुई। तब जया सिर्फ 16 साल की थीं।

‘सरगम’  में जया ने एक गूंगी लड़की हेमा का किरदार इतने सशक्त ढंग से निभाया था कि उनका जादू मुझ पर ही नहीं लाखो-करोड़ों लोगों पर चल गया। फिल्म के एक गीत ‘ढपली वाले ढपली बजा’ पर तो जया ने अपने अभिनय के साथ अपने नृत्य के जो अंदाज दिखाये वे भुलाए नहीं भूलेंगे। यह गीत आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना तब था। अभिनय और नृत्य दोनों में पारंगत होने के कारण ही जया को विशिष्ट पहचान मिली। मैंने ‘सरगम’ के बाद तब लिखा था- हिन्दी सिनेमा को आज एक और शानदार अभिनेत्री मिल गयी है।

मेरा लिखना सच भी हुआ आगे चलकर जया प्रदा ने कितनी ही यादगार फिल्में दीं। हिन्दी सिनेमा को तो जया ने अपनी बेहतरीन फिल्मों से मालामाल किया ही। जबकि जया ने 7 भाषाओं की करीब 200 फिल्मों में काम किया है। जिनमें हिन्दी के अलावा जहां उन्होंने मराठी और बांग्ला में फिल्में कीं। वहाँ दक्षिण की  तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड में भी वह फिल्में करती रहीं।

पहली फिल्म के लिए मिले थे 10 रुपए

जया प्रदा का जन्म 3 अप्रैल 1962 को आंध्र प्रदेश के राजा मुन्दरी  में हुआ था। इनके पिता कृष्णा राव तेलेगु फिल्मों के फाइनेंसर थे। जया का मूल नाम तब ललिता रानी था। जब वह 12 साल की थीं कि उनके स्कूल के एक समारोह में उनका नृत्य देख, एक फिल्मकार ने उनको अपनी तेलुगू फिल्म ‘भूमि कोसम’ में ले लिया। सन 1974 में प्रदर्शित इस फिल्म में ललिता (जया) का सिर्फ 3 मिनट का एक नृत्य था, जिसके लिए ललिता को तब 10 रुपए मिले थे। लेकिन इसके बाद ही उन्हें कई फिल्मों के प्रस्ताव मिलने लगे। जल्द ही वह ललिता से जया प्रदा बन तेलुगू फिल्मों की स्टार बन गईं।

इधर जब जया 1978 में ‘सरगम’ से हिन्दी फिल्मों में आयीं तो उनके एक बरस बाद 1979 में फिल्म ‘सोलहवां सावन’ से दक्षिण से एक और कम उम्र, कमसिन अभिनेत्री श्रीदेवी (Sridevi) भी हिन्दी फिल्मों में आ गयी। ये दोनों अभिनेत्री हिन्दी सिनेमा में साथ-साथ आयीं, दोनों हम उम्र थीं, दोनों दक्षिण में सफल हो चुकी थीं। दोनों ही गजब की अभिनेत्री थीं। इसलिए दोनों की तुलना तो होनी ही थी। साथ ही दोनों में प्रतियोगिता भी ऐसी हुई कि दोनों एक फिल्म में काम करते हुए भी अलग से कभी बात तक नहीं करती थीं।

‘सरगम’ के बाद जया की लोक परलोक, टक्कर और बावरी जैसी फिल्में आयीं। लेकिन जया को अभिनय की तारीफ 1981 में आई फिल्म ‘कामचोर’ से मिली, जिसमें जया ने गीता के पात्र को जीवंत कर दिया था। फिल्म के नायक और निर्माता राकेश रोशन थे। जबकि फिल्म के निर्देशक वही के विश्वनाथ थे, जिन्होंने जया को ‘सरगम’ से हिन्दी फिल्मों में प्रवेश दिलाकर उन्हें दिलकश अभिनेत्री बनाया था।

इसके बाद जया को हिन्दी फिल्मों में बड़ी सफलता 1982 में फिल्म ‘मवाली’ से मिली। जिसमें श्रीदेवी भी जया के साथ थीं। फिल्म के नायक जीतेंद्र थे। यूं जीतेंद्र इससे पहले ‘लोक परलोक’ में जया के साथ आ चुके थे। लेकिन ‘मवाली’ सुपर हिट होने से जीतेंद्र की जोड़ी जया और श्रीदेवी दोनों के साथ हिट हो गयी।

जीतेंद्र के साथ कीं सबसे ज्यादा फिल्में

जया प्रदा अभी तक ऋषि कपूर (Rishi Kapoor), राकेश रोशन (Rakesh Roshan) और जीतेंद्र (Jeetendra) जैसे तीन हीरो के साथ आकर सफल रहीं। इसे संयोग कहें या कुछ और कि ये तीनों हीरो ही निजी ज़िंदगी में पक्के दोस्त रहे ।

हालांकि बाद में जया की जोड़ी राजेश खन्ना (Rajesh Khanna), धर्मेन्द्र (Dharmendra), अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और मिठुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) जैसे और हीरो के साथ भी बनी। लेकिन जीतेंद्र के साथ जया ने सबसे ज्यादा, लगभग 25 फिल्में कीं। जिनमें मवाली और तोहफा के अलावा हकीकत, सिंदूर,संजोग,पाताल भैरवी, ऐसा प्यार कहाँ, माँ, हैसियत, मेरा साथ, मजबूर, थानेदार, सिंहासन और लव कुश जैसी फिल्में शामिल हैं। इसमें ‘लव कुश’ में तो जीतेंद्र राम और जया सीता बनी थीं।

उधर अमिताभ बच्चन के साथ भी जया प्रदा की जोड़ी अत्याधिक लोकप्रिय रही। जिनमें शराबी तो बेमिसाल रही ही। साथ ही गंगा जमुना सरस्वती, आखिरी रास्ता, जादूगर, आज का अर्जुन, इन्द्र्जीत और खाकी जैसी फिल्मों में दोनों ने खूब रंग जमाये।

साथ ही ऋषि कपूर के साथ भी सरगम के बाद पराया घर, घराना, धरती पुत्र और घर घर की कहानी में भी दोनों साथ आए।

जया प्रदा जब लाखो-करोड़ों दिलों की धड़कन बनी हुईं थीं। तभी 1986 में उन्होंने फिल्म निर्माता श्रीकांत नाहटा से शादी कर ली। जबकि श्रीकान्त पहले से ही विवाहित थे और पिता भी। लेकिन श्रीकांत ने अपनी पहले पत्नी को तलाक लिए बिना जया से शादी कर ली थी। इससे जया को पत्नी का वह अधिकृत दर्जा न मिल सका, जो मिलना चाहिए था। बाद में जया, श्रीकांत से अलग हो गईं। लेकिन जया जैसी खूबसूरत अभिनेत्री के जीवन में शादी का यह अध्याय निश्चय ही दुखदायी है।

इसके अलावा एक बात और कचोटती है कि इतनी अच्छी अभिनेत्री होने के बावजूद जया प्रदा को हिन्दी सिनेमा के लिए न कभी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, न राष्ट्रीय पुरस्कार। दक्षिण में उन्हें तीन बार फिल्मफेयर जरूर मिला। लेकिन हिन्दी में सरगम, शराबी और संजोग जैसी फिल्मों के लिए उन्हें फिल्मफेयर का नामांकन तो मिला लेकिन पुरस्कार नहीं।

हालांकि जया प्रदा को समीक्षकों और दर्शकों ने जो प्यार और सम्मान दिया है वह किसी पुरस्कार से कम नहीं। तभी फिल्मों से दूर रहने पर भी हम जया प्रदा को आज शिद्दत से याद कर रहे हैं। फिर यह भी कि हम उम्मीद करेंगे और चाहेंगे भी कि जया प्रदा आगे भी फिल्मों में में काम करें। उन्हें अच्छी अच्छी भूमिकायेँ मिलें और पुरस्कार भी। उनके जन्म दिन पर शुभकामनाओं के साथ यही कामना।

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