Dev Anand@100: देव आनंद के 100वें जन्म दिन पर देश ने पूरी शिद्दत और शान से किया याद

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

सदाबहार अभिनेता देव आनंद (Dev Anand) आज भी कितने लोकप्रिय हैं इस बात का अहसास गत 26 सितंबर को भी हो गया। इस दिन देव आनंद का 100 वां जन्म दिन था। हालांकि देव साहब (Dev Anand) को इस दुनिया को अलविदा कहे 12 बरस हो चले हैं।

लेकिन आज भी उनके प्रति लोगों की दीवानगी देखते ही बनती है। उनके 100 वें जन्म दिन पर देश में ही नहीं विदेशों में भी कितने ही आयोजन हुए। कितने ही पत्र-पत्रिकाओं ने देव आनंद (Dev Anand) पर विशेष लेख प्रकाशित किए। रेडियो-टीवी सभी जगह दिन भर देव आनंद की जीवन गाथा, उनके गीत चलते रहे।

यहाँ तक 23 और 24 सितंबर को, फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (Film Heritage Foundation) और एनएफडीसी (NFDC) ने पीवीआर (PVR) के साथ मिलकर देश के 30 शहरों के 55 सिनेमा घरों में देव आनंद की 4 फिल्में गाइड, सीआईडी, जॉनी मेरा नाम और ज्वैलथीफ फिल्मों का विशेष प्रदर्शन हुआ। यहाँ तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने भी देव आनंद (Dev Anand) के साथ अपने फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्हें याद किया। मैं बरसों से फिल्म दुनिया को करीब से देख रहा हूँ। अब से पहले किसी कलाकार को उसकी जन्म शताब्दी पर इतनी शिद्दत और शान से कभी याद नहीं किया गया।

देव आनंद (Dev Anand) अपने जीवन काल में भी सबसे अलग थे। मुझे उनसे कई बार मिलने और उनको इंटरव्यू करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनका अंदाज़ निराला था। 26 सितंबर 1923 को पंजाब के गुरदासपुर में जन्मे देव आनंद (Dev Anand) ने अपना फिल्म करियर 19 बरस की उम्र में, फिल्म ‘हम एक हैं’ से शुरू किया था।

जब 3 दिसंबर 2011 में लंदन में उनका निधन हुआ तब वह 88 बरस के थे। उनके निधन से करीब दो महीने पहले ही उनकी अंतिम फिल्म ‘चार्जशीट’ प्रदर्शित हुई थी। अपने निधन से कुछ देर पहले तक वह अपनी नयी फिल्म को शुरू करने के सपने देख रहे थे। ऐसे थे देव आनंद (Dev Anand)। जिन्हें सरकार ने देश के सर्वोच्च फिल्म सम्मान फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया और पदमभूषण से भी।

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