असम में मिले 47,900 अवैध अप्रवासी, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने लिया यह बड़ा फैसला

असम सरकार ने गुरुवार को बताया कि 1971 से 2014 तक राज्य में करीब 47,900 अवैध अप्रवासी पाए गए हैं। राज्य के विदेशी न्यायाधिकरणों ने इस अवधि के दौरान इन लोगों को विदेशी घोषित किया है।

असम के मुख्यमंत्री ने दिया जवाब 

एजीपी विधायक पोनाकन बरुआ के लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1971 से 2014 तक विदेशी न्यायाधिकरणों ने 47,928 लोगों को विदेशी घोषित किया, जिनमें से 20,613 हिंदू और 27,309 मुस्लिम हैं जबकि छह अन्य धर्मों के हैं।

असम के किन जिलों में कितने अवैध अप्रवासी ?

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा अवैध अप्रवासी घोषित किए गए 27,309 मुसलमानों में से 4182 जोरहाट जिले से, 3,897 गुवाहाटी शहर से, 2,829 डिब्रूगढ़ जिले से, 2,100 होजाई जिले से, 2,096 शिवसागर जिले से, 2,083 नागांव जिले से, 2,013 कछार जिले से, 1,710 लखीमपुर जिले से, 1,172 मोरीगांव जिले से हैं।

वहीं विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा अवैध अप्रवासी घोषित किए गए कुल 20,613 हिंदुओं में से 8,139 कछार जिले से, 2884 गुवाहाटी शहर से, 1574 लखीमपुर जिले से, 1038 डिब्रूगढ़ जिले से हैं।

अवैध प्रवासियों को लेकर असम समझौते के क्या मायने ? 

24 मार्च 1971 को असम समझौते के अनुसार, राज्य में आने वाले सभी अवैध प्रवासियों के नाम का पता लगाया जाएगा। साथ ही, उन्हें निर्वासित करने के लिए कदम भी उठाए जाएंगे।

असमिया भाषी लोग राज्य में 48.38 %

वहीं 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “असमिया भाषी लोग राज्य की कुल 3.12 करोड़ की आबादी का 48.38 प्रतिशत हैं और बंगाली भाषी लोग कुल आबादी का 28.92 प्रतिशत हैं।”

असम सरकार स्थिति पर रख रही नजर 

एजीपी विधायक पोनाकन बरुआ के सवाल पर कि क्या राज्य सरकार इस तथ्य से अवगत है कि गैर-असमिया भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है और स्वदेशी समुदायों के लिए खतरा पैदा कर रही है, इसके जवाब में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है।

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