500th Community Radio Station: अश्विनी वैष्णव ने भारत के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन का किया उद्घाटन

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने गुरुवार को भारत के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन (500th Community Radio Station) का उद्घाटन किया। ‘अपना रेडियो 90.0 एफएम’ (Apna Radio 90.0 Fm) स्टेशन भारतीय जनसंचार संस्थान, आइजोल (IIMC Aizawl) द्वारा संचालित एक स्टेशन है।

इसी के साथ सूचना प्रसारण मंत्री ने 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार विजेताओं की घोषणा भी की। इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन (Dr L. Murugan), मिजोरम (Mizoram) के मुख्यमंत्री लालदुहोमा (Lalduhawma), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव संजय जाजू और आईआईएमसी (IIMC) की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर भी मौजूद थी।

रेलवे कनेक्टिविटी पाने का मिजोरम का सपना पूरा होगा

भारत की सामुदायिक रेडियो यात्रा में इस घटना की जानकारी देते हुए,अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह पहल अपना रेडियो स्टेशन के कवरेज क्षेत्र में लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यह शुरूआत सरकार की एक्ट ईस्ट नीति में भी एक महत्वपूर्ण घटना है। सूचना प्रसारण मंत्री ने मिजोरम के मुख्यमंत्री को बताया कि केन्द्रीय बजट में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए रेलवे बजट के तहत रिकॉर्ड आवंटन किया गया है। इससे अच्छी रेलवे कनेक्टिविटी पाने का मिजोरम का लंबे समय से संजोया हुआ सपना पूरा होगा।

 

अपना रेडियो स्टेशन मिजोरम के लिए संचार में एक नया अध्याय लिखेगा

मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आईआईएमसी आइजोल में अपना रेडियो स्टेशन राज्य के लिए संचार में एक नया अध्याय लिखेगा। कृषि क्षमता काफी अधिक होने के कारण मिजोरम मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य है। किसान समुदाय के लिए सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना करना बेहद फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे उन्हें मौसम की दैनिक जानकारी, सरकारी योजनाएं और कृषि संबंधी जानकारी मिलेगी। उन्होंने इस परियोजना को वास्तविकता में बदलने में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और अन्य सभी हितधारकों की उनके अटूट समर्थन और समर्पण के लिए सराहना की।

प्राकृतिक आपदा में सामुदायिक रेडियो स्टेशन निभाते है बड़ी भूमिका

केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने ऐसे स्टेशनों की सामाजिक रूप से लाभकारी प्रकृति पर प्रकाश डाला और कहा कि निजी रेडियो चैनलों की व्यावसायिक प्रकृति के विपरीत, सामुदायिक रेडियो स्टेशन अंतिम छोर तक सूचना के प्रसार के प्रति प्रतिबद्धता के कारण स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय इन स्टेशनों की भूमिका काफी बढ़ जाती है।

स्थानीय बोलियों और क्षेत्रीय भाषाओं में आवाजें सुनी जा सकती हैं

इस अवसर पर उपस्थित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव संजय जाजू ने कहा कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन कृषि, किसान कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं, मौसम संबंधी जानकारी आदि से संबंधित सूचनाओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये एक अनूठा मंच प्रदान करते हैं, जहां वैकल्पिक आवाजें सुनी जा सकती हैं और स्थानीय बोलियों और क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री वितरित की जाती है।

ये सामुदायिक रेडियो समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्ग के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनकी मुख्यधारा के मीडिया तक पहुंच नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय देश भर में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।

समुदायों को एक साथ लाकर नागरिकों को सशक्त बनाएगा

आईआईएमसी (IIMC) की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा कि ‘अपना रेडियो 90.0 एफएम’ का उद्घाटन मिजोरम के इतिहास में एक नया अध्याय है, जो संवाद के माध्यम से समुदायों को एक साथ लाएगा, स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करेगा, नागरिकों को बढ़ावा देगा और उन्हें सशक्त बनाएगा।

10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार विजेता

श्रेणी: विषयगत पुरस्कार

  • प्रथम पुरस्कार: रेडियो मयूर, जिला सारण, बिहार, कार्यक्रम: टेक सखी के लिए
  • द्वितीय पुरस्कार: रेडियो कोच्चि, केरल कार्यक्रम: निरंगल के लिए
  • तृतीय पुरस्कार: हैलो दून, देहरादून, उत्तराखंड कार्यक्रम : मेरी बात के लिए

श्रेणी: सर्वाधिक नवीन सामुदायिक सहभागिता पुरस्कार

· प्रथम पुरस्कार: यरलावानी सांगली, महाराष्ट्र कार्यक्रम के लिए: कहानी सुनंदाची

· द्वितीय पुरस्कार: वायलागा वनोली, मदुरै, तमिलनाडु को कार्यक्रम: आइए एक नया मानदंड बनाएं के लिए

· तृतीय पुरस्कार: सलाम नमस्ते नोएडा, उत्तर प्रदेश कार्यक्रम के लिए: नौकरानी दीदी

श्रेणी: स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार

· प्रथम पुरस्कार: रेडियो ब्रह्मपुत्र, डिब्रूगढ़, असम, कार्यक्रम: इगारेकुन के लिए

· दूसरा पुरस्कार: रेडियो कोटागिरी, नीलगिरी, तमिलनाडु कार्यक्रम के लिए: एन मक्कलुडन ओरु पायनम

· तृतीय पुरस्कार: रेडियो एक्टिव, भागलपुर बिहार कार्यक्रम के लिए: अंग प्रदेश की अद्भुत धरोहर

श्रेणी: स्थिरता मॉडल पुरस्कार

· प्रथम पुरस्कार: बिशप बेंज़िगर हॉस्पिटल सोसाइटी, कोल्लम, केरल द्वारा संचालित रेडियो बेंज़िगर

· द्वितीय पुरस्कार: यंग इंडिया द्वारा संचालित रेडियो नमस्कार, कोणार्क, ओडिशा

· तृतीय पुरस्कार: शरणबस्बेस्वरा विद्या वर्धक संघ द्वारा संचालित रेडियो अंतरवाणी, गुलबर्गा, कर्नाटक

मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों (सीआरएस) के बीच नवाचार और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2011-12 में राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की शुरूआत की थी।

राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार आम तौर पर हर साल प्रदान किए जाते हैं। इसी कड़ी में मंत्रालय ने आज निम्नलिखित 4 श्रेणियों में 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है

  1. विषयगत पुरस्कार
  2. सर्वाधिक नवोन्मेषी सामुदायिक सहभागिता पुरस्कार
  3. स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु पुरस्कार
  4. स्थिरता मॉडल पुरस्कार

प्रत्येक श्रेणी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः 1.0 लाख रुपये, 75,000 रुपये और 50,000 रुपये हैं।

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