Atiq Ahmed Shot Dead: पलक झपकते ही हुई अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या

नयी दिल्ली, पुनर्वास न्यूज़ डेस्क। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी है। शनिवार 15 अप्रैल की रात प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज के पास अज्ञात हमलावरों ने इस साजिश को अंजाम दिया है। गोलीबारी की घटना कैमरे में रिकार्ड हुई है, क्योंकि मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा दोनों को अस्पताल ले जाने के दौरान मीडियाकर्मी उनके पीछे जा रहे थे।

दो लोगों को अहमद और उसके भाई पर करीब से गोली चलाते हुए देखा गया, जो गोली लगने के बाद जमीन पर गिर गए। हालांकि, पुलिस ने जल्द हमलावरों को पकड़ लिया। सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है। अहमद एवं अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है। दोनों को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने उमेश पाल हत्या मामले में बृहस्पतिवार को अतीक और अशरफ को 13 अप्रैल से 17 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड में भेजा था। शनिवार को उन्हें मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था, इसी दौरान यह वारदात हुई।

झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये थे। पिछले दिनों जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि माफिया अतीक अहमद ने पूछताछ में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने की बात कबूली थी।

गौरतलब है कि उमेश पाल हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोपी माफिया अतीक अहमद को यूपी पुलिस गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लेकर आई थी। जेल में बंद समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर जान को खतरा और यूपी पुलिस द्वारा फर्जी एनकांउटर में मार देने की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी।

अतीक ने याचिका में कहा था कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल की हत्या के मामले में झूठा फंसाया गया है। उसकी जान को उत्तर प्रदेश पुलिस से खतरा है।

कुछ घंटे पहले ही दफनाया गया था बेटे का शव

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का शव शनिवार 15 अप्रैल को सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया, जबकि उसके साथी गुलाम का शव शिवकुटी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया।

बसपा के विधायक राजू पाल के हत्याकांड के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी। इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम बृहस्पतिवार को झांसी में विशेष कार्य बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे।

यह घटना उस समय हुई थी, जब अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज की एक अदालत में पेशी हो रही थी। कब्रिस्तान में अतीक अहमद के रिश्तेदारों और परिचितों को ही दाखिल होने दिया गया और मीडियाकर्मियों को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे कब्रिस्तान पहुंची। एंबुलेंस में शव के साथ असद का फूफा उस्मान था। कसारी मसारी कब्रिस्तान में शव को दफनाने की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली।

इस दौरान अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया। कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरी ने बताया कि अतीक के दूर के कुछ रिश्तेदारों और उसके मोहल्ले के लोगों को कब्रिस्तान में जाने दिया गया। कुलहरी ने बताया कि गुलाम का शव शिवकुटी थाना अंतर्गत कब्रिस्तान में दफनाया गया।

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