‘अहिल्याबाई होल्कर का जीवन महिला सशक्तिकरण का एक महान उदाहरण है’, मध्य प्रदेश के इंदौर में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गुरुवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुई।इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि दीक्षांत समारोह उत्सव के साथ-साथ उनके भविष्य के लिए मजबूत संकल्प लेने का भी अवसर है।

द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि उनमें से कई लोगों ने तय कर लिया होगा कि वे कौन सा पेशा अपनाने जा रहे हैं या कहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने जा रहे हैं। लेकिन उनमें से कई लोग अभी भी इस बात को लेकर असमंजस में होंगे कि नौकरी करें या आगे पढ़ाई करें, उद्यमी बनें या किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें। उन्होंने उन्हें अपने भविष्य के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेने की सलाह दी। यह फैसला उनके जीवन की दिशा तय करेगा।

 

ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को कभी न रोकें

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि प्रत्येक छात्र में अलग-अलग क्षमताएं होती हैं। वे भविष्य में किस क्षेत्र या पद पर काम करेंगे, इसका निर्णय उनकी योग्यता और रुचि के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को कभी न रोकें। उन्होंने उनसे अपने ज्ञान और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके समावेशी विकास को बढ़ावा देने और सतत विकास के प्रति सचेत रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्हें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि सबके विकास में ही उनका विकास निहित है।

अहिल्याबाई होल्कर का जीवन महिला सशक्तिकरण का एक महान उदाहरण है

राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम इंदौर की महारानी लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखा गया है जिनका जीवन महिला सशक्तिकरण का एक महान उदाहरण है। अपने जीवन और शासन काल में उन्होंने महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अभिनव और सफल प्रयास किये। उन्होंने जनजातीय समाज की आजीविका सुनिश्चित करने के लिए भी निर्णय लिये और उनके विकास के लिये अनेक कार्य किये।

द्रौपदी मुर्मु ने आगे कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का जीवन इस बात का उदाहरण है कि महिलाएं राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस दीक्षांत समारोह में पदक विजेताओं की संख्या लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या अधिक है, जो महारानी देवी अहिल्याबाई के आदर्शों के अनुरूप है।

हमारी बेटियां बड़े सपने देखें

राष्ट्रपति ने सभी शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षकों से लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर उनके सहयोग और मार्गदर्शन से हमारी बेटियां बड़े सपने देखें तथा उन सपनों को साकार करें, तभी शिक्षण संस्थान और शिक्षक सही मायने में देश के विकास में भागीदार बनेंगे।

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