संतोष आनंद दुनिया से जाने से पहले यह काम करना चाहते हैं, आकाशवाणी पर सुनिए ‘तेरी मेरी कहानी’ में इस प्रसिद्ध गीतकार के दिल के जज्बात

प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

इक प्यार का नगमा है, पुरवा सुहानी आई रे, मैं ना भूलूँगा, ये गलियां ये चौबारा, मोहब्बत है क्या चीज़,जिंदगी की ना टूटे लड़ी, तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, चना ज़ोर गरम और ये आन तिरंगा है जैसे कितने ही खूबसूरत गीतों के रचयिता संतोष आनंद (Santosh Anand) की लोकप्रियता का आज भी कोई जवाब नहीं। मैं संतोष आनंद (Santosh Anand) से 40 से ज्यादा बरसों से मिल रहा हूँ। उनका जोश 85 की उम्र में भी देखते ही बनता है। उनसे जब भी बात होती है पुरानी से पुरानी यादों को वह ऐसे बताते हैं जैसे अभी चंद दिन पहले की बात हो।

इधर अब आकाशवाणी ने भी उनकी पुरानी यादों को अपने श्रोताओं को सुनाने का फैसला किया है। उनसे विशेष बातचीत का यह कार्यक्रम ‘तेरी मेरी कहानी है’ रविवार 14 जुलाई को सुबह 8.45 पर प्रसारित होगा। जिसे आकाशवाणी (Akashvani) के इंद्रप्रस्थ चैनल (Indraprastha Channel) 366.3 मीटर अर्थात 819 किलोहर्ट्ज के साथ एआईआर लाइव न्यूज़ 24×7 (AIR Live News 24 X 7) पर विश्व भर में कहीं भी सुना जा सकता है।

इस कार्यक्रम के संयोजक हैं आकाशवाणी दिल्ली (Akashvani Delhi) के राम अवतार बैरवा (Ramavtar Bairwa), जो इस तरह के विशेष कार्यक्रम बनाने के लिए सदा तत्पर रहते हैं। जबकि कार्यक्रम के लिए संतोष आनन्द (Santosh Anand) से बातचीत की है विभा राज ‘वैभवी’ ने। इस कार्यक्रम को आकाशवाणी दिल्ली के स्टूडियो में दर्शकों की मौजूदगी में रिकॉर्ड किया गया। जिसका संचालन नीलम मलकानिया ने किया।

संतोष आनन्द काफी प्रसन्न दिखे

कार्यक्रम के दौरान संतोष आनन्द (Santosh Anand) काफी प्रसन्न दिखे और सभी पर जमकर अपना प्रेम उडेलते रहे। संतोष आनन्द (Santosh Anand) ने कार्यक्रम में अपने शुरुआती गीतों की बातों के साथ यह भी बताया कि किस तरह वह 40 बरसों तक लाल किला के कवि सम्मेलनों में भाग लेते रहे। साथ ही यह भी कि –‘’दुनिया से जाने से पहले मैं कोई एक और यादगार गीत दुनिया को दे जाना चाहता हूँ।‘’

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