Ameen Sayani: अमीन सायानी का अधूरा सपना पूरा करेंगे पुत्र राजिल सायानी, दिसंबर में आ सकती है आत्मकथा
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
आवाज़ के जादूगर और रेडियो की दुनिया के बेताज बादशाह अपना अंतिम सपना पूरा किए बिना गत 20 फरवरी को दुनिया को अलविदा कह गए। अमीन सायानी (Ameen Sayani) ने मुझे अपने 88 वें जन्म दिन पर बताया था कि वह अपनी आत्मकथा लिख रहे हैं। जिससे उनकी जिंदगी लोगों के सामने आ सके। उन्होंने अपनी बातचीत में अपनी बढ़ती उम्र और खराब सेहत के चलते यह शंका भी व्यक्त की थी, कि ना जाने मेरा यह सपना पूरा हो सकेगा या नहीं।
उनकी शंका सच हुई। वह अपनी आत्मकथा को प्रकाशित होता नहीं देख सके। यहां तक उसे पूरा लिख भी नहीं सके।
जबकि अमीन सायानी (Ameen Sayani) ने मुझे अपने 91 वें यानी अंतिम जन्म दिन पर बताया था कि अब उसका अंतिम अध्याय लिखना बाकी है। मैं उसके 40 हजार से अधिक शब्द लिख चुका हूं। कुछ और भी इधर उधर लिखा है तो 50 हजार शब्द हो गए हैं। हालांकि प्रकाशक अभी और शब्द लिखने के लिए कह रहा है।
सायानी (Ameen Sayani) ने अपनी आत्मकथा के लिए दो शीर्षक भी सोचकर रखे थे। जिनमें एक था, माय म्यूजिकल मार्च।साथ ही वह चाहते थे कि उनकी इस पुस्तक की कीमत भी ज्यादा ना हो। यदि 200 रुपए तक हो तो अच्छा रहेगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पढ़ सकेंगे।
इधर अब उनके बेटे राजिल सायानी (Rajil Sayani) ने अपनी खास बातचीत में मुझे बताया, मैं उनके अधूरे सपने को पूरा करूंगा। पुस्तक में जो कुछ भी जोड़ना है उसे हम जोड़ेंगे। किताब में अभी काम तो काफी है। लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि वह उनके आगामी जन्म तिथि 21 दिसंबर तक प्रकाशित होकर आ जाए। यह पुस्तक सायानी साहब ने अंग्रेजी में लिखी है। इसलिए पहले यह अंग्रेजी में आयेगी और बाद में इसका हिंदी अनुवाद लायेंगे।