6 साल के अभिमन्यु मलिक का चमत्कार, 7 महाद्वीप से लेकर 9 ग्रहों तक का अद्धभुत ज्ञान
अभिमन्यु तुम परिवार की शान हो,हम सब की जान हो।
तुम हुनर की खान हो,तुम्हारी हर खुशी पर ये जां निसार हो।
हम सब का अनमोल रत्न हो तुम, ईश्वर का वरदान हो तुम।
तुमसे ही है यह जिन्दगी ,जिन्दगी का पर्याय हो तुम
हम सब के जीवन का,सबसे खूबसूरत अध्याय हो तुम।
धरो पग और सफलता तुम्हारे कदम चूमे,
विजयी पताका फहराने वाले ,एक शहंशाह हो तुम।।
पूनम मलिक। उपरोक्त कविता मैंने अपने पौत्र अभिमन्यु मलिक के लिखी है। अभिमन्यु 6 वर्ष का बहुत ही होनहार बालक है। इस समय वह पहली कक्षा का विद्यार्थी है।
कहते हैं ना होनहार वीरवान के होत चिकने पात। यह कहावत अभिमन्यु पर शत प्रतिशत चरितार्थ होती है। तीन वर्ष की आयु में ही अभिमन्यु को सारे गृह-नक्षत्र (Planets) के नाम तो याद हो ही गए थे। साथ ही सभी ग्रहों की विस्तृत जानकारी भी उसे तभी याद थी। जैसे कौन गृह, नक्षत्र पृथ्वी के निकट है,कौन सबसे दूर। किसके पास Rings है, सूर्य से उसकी दूरी कितनी है? इत्यादि।
मैं आपको यह भी बता देना चाहती हूँ कि यह सब अभिमन्यु को पढ़ाया या रटाया नही गया था। चार वर्ष तक आते आते वह मुंह जबानी गणित के सवाल हल करने लगा था।
तीन वर्ष मे जब बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है, वह मुश्किल ले 15 दिन ही जा पाया, क्योंकि तब कोविड काल शुरू हो चुका था। इसलिए उसे प्रारंभिक शिक्षा ऑनलाइन ही मिली।
इधर इस समय अभिमन्यु की सबसे बड़ी उपलब्धि यह भी है कि वह 196 देशों के झंडे पहचान कर उस देश का नाम, वहां की भाषा, मुद्रा (currency) के बारे मे बता सकता है। उसे सातों महाद्वीप (Continents) की जानकारी है।
खेलों में भी है दिलचस्पी
अभिमन्यु को खेलों में भी खास दिलचस्पी है। क्रिकेट और शतरंज तो उसे बेहद पसंद हैं। ईश्वर से उपहार स्वरूप हमको यह अनमोल रत्न प्राप्त हुआ है। जिसके लिए मैं प्रभु को अनेक धन्यवाद करने के साथ प्रार्थना करती हूँ, उसे अपने आशीष देती हूँ कि अभिमन्यु को दीर्घायु मिले और वह ऐसे ही सफलता पाते हुए आगे बढ़ता रहे। उसे नयी नयी उपलब्धियां प्राप्त हों।