Dilip Kumar Birthday: दिलीप कुमार- रिकॉर्ड से भरी रही जिंदगी,अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया उनके रिकॉर्ड

दिलीप कुमार के 101 वें जन्म दिन पर विशेष

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) आज होते तो वह 101 बरस के हो जाते। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) भारतीय सिनेमा की एक ऐसी खूबसूरत मिसाल रहे हैं, जिन्हें अभिनय के स्कूल के रूप में देखा जाता है। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का जन्म 11 दिसंबर 1922 को अविभाजीत भारत के पेशावर शहर में हुआ था। जहां पृथ्वीराज कपूर-राज कपूर भी रहते थे। बाद में जब ये दोनों परिवार मुंबई आए तो संयोग से दोनों फिर मिले और दोनों फिल्मों के शिखर बने।

राज कपूर (Raj Kapoor) का परिवार फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा खानदान बना। राज कपूर (Raj Kapoor) अपनी फिल्मों से विश्व में भारत के सबसे लोकप्रिय फ़िल्मकार के रूप में मशहूर हुए। वहाँ दिलीप कुमार (Dilip Kumar) अभिनय सम्राट बने। फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में तो पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने साथ काम किया। वहाँ राज कपूर (Raj Kapoor) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के जोड़ी भी ‘अंदाज़’ फिल्म में खूब जमी।

हालांकि पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) और राज कपूर (Raj Kapoor) तो दोनों करीब 65 बरस के आस पास की उम्र ही जी पाये। लेकिन दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को ऊपर वाले ने करीब 99 बरस की  ज़िंदगी दी। जब 7 जुलाई 2021 को दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का निधन हुआ तब वह 98 बरस 7 महीने के थे। यानि 100 बरस की उम्र से सिर्फ 17 महीने दूर। यदि वह 6 महीने भी और जी जाते तो वह 99 बरस पूरे करके 100 वें बरस में प्रवेश कर जाते। हालांकि उनकी पत्नी सायरा बानो दिलीप साहब के साथ साये की तरह सदा साथ बनी रहीं। उनका पग पग पर खूब ख्याल रखा। लेकिन ऊपर वाले की मर्जी के सामने सब बेबस।

‘ज्वार भाटा’ से 1944 में रखा था फिल्मों में पहला कदम

इधर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के फिल्म करियर की बात करें तो जब 1944 में ‘ज्वार भाटा’ से फिल्मों में आए थे तब उनसे पहले केएल सैगल, मोती लाल और अशोक कुमार जैसे अभिनेता अपने नाम और काम का डंका बजा चुके थे। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के आने के बाद भी अशोक कुमार अपनी पारी बरसों बखूबी खेलते रहे। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के साथ राज कपूर (Raj Kapoor) और देव आनंद (Dev Anand) जैसे अभिनेता तो इतने मशहूर हुए कि उस दौर में इनकी तिकड़ी सबसे सफल मानी जाती थी।

साथ ही जहां एक ओर सुनील दत्त, राजेन्द्र कुमार, राज कुमार, शम्मी कपूर, शशि कपूर जैसे कई सितारों की फौज हिन्दी सिनेमा में मौजूद थी। वहाँ संजीव कुमार, धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे कई बेहतरीन नायक भी उनके सामने थे। लेकिन अभिनय के मामले में सर्वोच्च दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ही बने रहे।

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और शाहरुख खान (Shahrukh Khan) सहित कुछ और अभिनेताओं के अभिनय को देख यह भी कहा जाता रहा कि वे दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की नकल करते हैं। हालांकि मैं कहूँगा ये दिलीप (Dilip Kumar) की नकल नहीं करते ये दिलीप कुमार (Dilip Kumar) से प्रभावित हैं। अमिताभ (Amitabh Bachchan) खुद भी कहते रहे हैं-‘’यदि कोई मेरे अभिनय को दिलीप कुमार (Dilip Kumar) से प्रभावित या उन जैसा कहता है तो मेरे लिए इससे बड़ा कंप्लीमेंट कुछ और हो ही नहीं सकता। लेकिन भारतीय सिनेमा के इतिहास का जब भी आकलन होगा तो उसे दिलीप कुमार (Dilip Kumar) से पहले और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के बाद के हिसाब से ही देखा जाएगा।‘’

54 बरस के करियर में 60 फिल्में  

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने 1944 से लेकर 1998 तक के अपने 54 बरस के फिल्म करियर में कुल करीब 60 फिल्मों में काम किया। उनकी काला बाज़ार, साधु और शैतान, अनोखा मिलन और फिर कब मिलोगी जैसी 4 फिल्में वे भी हैं, जिनमें वह मेहमान भूमिका में थे। लेकिन उनकी 56 हिन्दी फिल्मों में 40 ऐसी फिल्में हैं जिनके माध्यम से दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने खुद को एक सशक्त अभिनेता और सबसे बेहतर अभिनेता साबित किया।

उनकी यादगार फिल्मों की यूं तो एक बड़ी सूची है। लेकिन उनमें सर्वश्रेष्ठ दस फिल्मों की बात करें तो देवदास, गंगा जमुना, मुगल ए आजम, मधुमती, नया दौर, राम और श्याम, सगीना, क्रांति, शक्ति और सौदागर के नाम तो सुगमता से लिए जा सकते हैं। साथ ही शहीद, अंदाज़, शबनम, आन, दाग, पैगाम, लीडर, आज़ाद, आदमी, संघर्ष, अमर, दुनिया और कर्मा जैसी कई और अच्छी फिल्में भी उनके खाते में हैं।

तीन फिल्मों में डबल और एक में ट्रिपल रोल भी

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने जहां राम और श्याम, दास्तान और किला जैसी फिल्मों में दोहरी भूमिका की वहाँ एक फिल्म ‘बैराग’ में तो वह ट्रिपल रोल में थे।

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की एक खास बात यह भी रही कि उन्हें जहां फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहब फाल्के’ से नवाजा गया वहाँ उन्हें पदम भूषण और पदम विभूषण जैसे बड़े सम्मान भी मिले।

एक अभिनेता के रूप में सर्वाधिक 10 बार फिल्मफेयर पुरस्कार पाने का रिकॉर्ड भी दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के नाम रहा। साथ ही उन्हें अपनी फिल्म ‘गंगा जमुना’ के लिए दूसरी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला और भारत सरकार ने उनकी जीवन पर्यंत उपलब्धियों के लिए भी 2006 में विशेष रूप से सम्मानित किया।

साथ ही दिलीप कुमार (Dilip Kumar) जाते जाते, देश के सर्वाधिक आयु वाले फिल्म अभिनेता का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करा गए हैं।

 

 

Related Articles

Back to top button