अयोध्या में योगी सरकार अब पंचवटी द्वीप और श्री राम अनुभव केंद्र भी बनाएगी

लखनऊ, कपिल देव सिंह। राम नगरी अयोध्या में भगवान राम लला के भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस अवधपुरी को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित कर रही है। अब पुण्य सलिला सरयू नदी तट के निकट गुप्तार घाट पर 1 हजार एकड़ एरिया में पंचवटी द्वीप और 75 एकड़ भूमि पर भारत की वैदिक सभ्यता को आत्मसात करते हुए श्री राम अनुभव केंद्र का निर्माण किया जाएगा।

पंचवटी द्वीप पर श्री राम अनुभव केंद्र के निर्माण का उद्देश्य भारतीय जन मानस को अपनी वैदिक सभ्यता पर गौरव करने को प्रोत्साहित करना है। ताकि वो इसे अपने दैनिक जीवन में भी आत्मसात करके स्वस्थ और सुखी जीवनयापन कर सकें।

द्वीप निर्माण के प्रस्तावित प्रस्ताव के अनुसार श्रीराम अनुभव केंद्र के निर्माण के लिए अस्थाई स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाएगा। वर्षा ऋतु में इन टेंपरेरी स्ट्रक्चर को डिसमैंटल कर दिया जाएगा और बारिश के दौरान श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन बंद कर दिया जाएगा।

सरयू नदी के निकट होने के कारण योगी सरकार ने बाढ़ से सुरक्षा के लिए बाढ़ सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया है। उल्लेखनीय है कि 1000 एकड़ भूमि में बनाए जाने वाले पंचवटी द्वीप पर 75 एकड़ जमीन पर श्रीराम अनुभव केंद्र के निर्माण का भी प्रस्ताव है।

वर्षा ऋतु के अलावा पंचवटी द्वीप के आसपास सरयू नदी का जल स्तर भूमि के लेवल से लगभग 12 फीट नीचे रहता है। इसी वजह से वर्षा ऋतु में बाढ़ की आशंका के चलते श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं किया जाएगा। जिससे नदी की बाढ़ का प्रभाव श्रीराम अनुभव केंद्र पर नहीं होगा। उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में पंचवटी द्वीप और श्री राम अनुभव केंद्र निर्माण से जुड़ी एनओसी के लिए अपनी संस्तुति प्रदान कर दी है।

वर्षा ऋतु के बाद पुनः होगा स्ट्रक्चर की असेंबलिंग

प्रस्ताव के अनुसार पंचवटी द्वीप पर बाढ़ सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली पर फोकस रहेगा। इसके तहत वर्षा ऋतु में श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं होगा, जबकि वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद अक्टूबर माह में इन स्ट्रक्चर को पुनः असेंबल कर श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।

स्ट्रक्चर को सरयू नदी से पर्याप्त दूरी पर 100 फीट का एक बफर जोन बनाते हुए स्थापित किया जाएगा, ताकि दुर्घटना की कोई संभावना न रहे। श्रीराम अनुभव केंद्र के निर्माण एवं संचालन के पूर्व सभी रेगुलेटरी डिपार्टमेंट्स नगर निगम, फायर सर्विस, विद्युत सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही संचालित किया जाएगा।

समस्त नियमों के अनुपालन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए एक समिति बनाई जाएगी, जो प्रत्येक 15 दिन  के अंतराल पर श्री राम अनुभव केंद्र का आकस्मिक एवं नियमित निरीक्षण करेगी, ताकि किसी भी स्तर पर निर्माण कार्य में कोई कमी नहीं रहने पाए।

नो प्लास्टिक जोन होगा पंचवटी द्वीप

संपूर्ण प्रोजेक्ट की डिजाइन सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल के आधार पर की गई है। इसका प्रारूप ‘अर्थ गंगा परियोजना’ के गाइडलाइंस पर तैयार किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत पंचवटी द्वीप नो प्लास्टिक जोन होगा। किसी भी निर्माण कार्य के लिए आरसीसी एवं पीसीसी का उपयोग नहीं होगा। निर्माण विधि एवं सीवरेज, स्लज व कूड़े का निस्तारण, पर्ण कुटीर का निर्माण बांस और कुश द्वारा किया जाएगा।

मल निस्तारण के लिए बायो डाइजेस्टिव सेप्टिक टैंक का उपयोग किया जाएगा। जबकि जल एसटीपी द्वारा मानकों के अनुसार ट्रीट करके बागवानी और कृषि के उपयोग में लाया जाएगा।

ऐसा होगा श्री राम अनुभव केंद्र का प्रारूप

इस परियोजना में श्री अन्न (मिलेट्स ग्रेन) की प्रधानता होगी। यहां योग ग्राम साधकों के लिए ध्यान, प्राणायाम, यज्ञ, हवन आदि के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। नेचुरोपैथी और आयुर्वेद की विधियों के केंद्र भी स्थापित होंगे। इसके साथ ही कला ग्राम में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के प्रमुख उत्पादों का प्रदर्शन होगा।

पंचवटी द्वीप पर जैविक और कॉस्मिक कृषि से फसल उगाई जाएगी। विलुप्त लोक गायकी एवं संस्कृति कार्यक्रमों द्वारा स्थानीय लोक कलाकारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

यहां आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति में एक पौधा, अयोध्या की पावन भूमि पर रोपित करने का अवसर दिया जाएगा। जिससे उनमें पर्यावरण के प्रति जागरुकता उत्पन्न हो सके। यहां पर आर्थिक रूप से कमज़ोर गरीब विद्यार्थियों के लिए तरु तल वैदिक विद्यालय की स्थापना भी की जाएगी।

यहां बंबू स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। यहां स्थानीय किसानों और मजदूरों को पंचवटी द्वीप पर रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही कलाग्राम में हस्तशिल्पियों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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