Mujib The Making of a Nation: श्याम बेनेगल की नयी फिल्म ‘मुजीब’ हुई रिलीज, भारत और बांग्ला देश ने मिलकर किया है निर्माण

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

फ़िल्मकार श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) इन दिनों अपनी नयी फिल्म ‘मुजीब –द मेकिंग ऑफ नेशन’ (Mujib: The Making of a Nation) के लिए चर्चा में हैं। बेनगल (Shyam Benegal) एक ऐसे फ़िल्मकार हैं जिन्होंने भारतीय सिनेमा को अंकुर, मंथन, मंडी, कलयुग, मम्मो, जुनून, वैल्कम टू सज्जनपुर जैसी कितनी ही अविस्मरणीय फिल्में दी हैं। वह जहां कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं वहाँ सिनेमा का शिखर सम्मान दादा साहब फाल्के (Dadasaheb Phalke Award) भी उन्हें मिल चुका है। उनकी पिछली फिल्म ‘वेल्डन अब्बा’ (Well Done Abba) 2010 में आई थी।

अब 13 साल के लंबे अंतराल के बाद उनकी नयी फिल्म ‘मुजीब’ (Mujib: The Making of a Nation) आने से खुशी है। बंगबंधु के नाम से मशहूर रहे बांग्ला देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुजीब उर रहमान की ज़िंदगी और उनके संघर्ष, सफलता तथा बलिदान पर बनी यह फिल्म काफी अहम है। जो बंगला देश में तो 13 अक्तूबर को 170 थिएटर्स पर रिलीज होकर सफलता के नए आयाम बना रही है। जबकि भारत में यह फिल्म 27 अक्तूबर प्रदर्शित हुई है। हालांकि हमारे यहाँ इस फिल्म का प्रचार ना होने से इसे थिएटर्स तो कम मिले ही हैं, दर्शक भी कम मिल रहे हैं।

जबकि फिल्म का निर्माण भारत के एनएफडीसी (NFDC) और बांग्लादेश के बीएफडीसी (BFDC) ने मिलकर किया है। फिल्म हिन्दी और बंगला दोनों भाषाओं में है। हाल ही में मुंबई में फिल्म की स्क्रीनिंग रखी तो उसमें बेनेगल के साथ, एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार तो मौजूद थे ही।

साथ ही नसीरुद्दीन शाह, गोविंद निहालानी, आर बाल्की, श्याम कौशल, दिव्या दत्ता और किटू गिडवानी सहित फिल्म के कई कलाकार भी मौजूद थे। जिनमें फिल्म में मुजीब का किरदार निभा रहे बांग्ला देश के मशहूर अभिनेता अरिफिन शुवु (Arifin Shuvoo) और नुसरत इमरोज तिशा (Nusrat Imrose Tisha) थे। इन दोनों ने मुजीब को सम्मान देने के लिए सिर्फ एक टका लेकर मुफ्त में काम किया है।

हमारे देश के रजित कपूर भी यह फिल्म देखने पहुंचे जो फिल्म में भुट्टो की भूमिका में हैं। साथ ही श्रेया घोषाल भी जिन्होंने इस फिल्म में एक गीत गाया है।

फिल्म को लेकर मैंने श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) से पूछा कि इस फिल्म को बनाने में तीन साल का काफी समय लग गया? बेनेगल ने बताया- ‘’फिल्म की शूटिंग में तो ज्यादा समय नहीं लगा। लेकिन इसकी तैयारियों में ज्यादा समय लगा। फिर कोविड के कारण एक साल काम रुका भी रहा। लेकिन इस फिल्म को बनाने में  मुझे काफी आनंद आया। मैंने पहले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) पर फिल्म बनाई है। अब बांग्ला देश के महानायक पर भी फिल्म बनाना मेरे लिए सम्मान की बात है। फिल्म में ज़्यादातर कलाकार बांग्ला देश के हैं। पर फिल्म की शूटिंग हमने मुंबई के फिल्म सिटी में सेट लगाकर भी की और आउटडोर की शूटिंग बांग्ला देश में।‘’

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